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डीएम ने तहसीलदार के खिलाफ FIR दर्ज करने के दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर में सदर के तहसीलदार-न्यायिक अरुण सोनकर का कारनामा देखकर डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह भी दंग रह गए। अरुण सोनकर ने 12 बैनामों का बैकडेट में नामांतरण कर दिया। शुरुआती जांच में सामने सामने आया कि पुवायां से ट्रांसफर होने के बाद भी तहसीलदार ने सांठगांठ करके, सादे कागज पर नामांतरण का आदेश पारित कर दिया। जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने तहसीलदार को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति कर दी है। भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघ के गंभीर आरोपों में घिरे तहसीलदार के खिलाफ डीएम के एक्शन से खलबल मच गई है।

बैकडेट में नामांतरण का ये केस पुवायां तहसील का है। अरुण सोनकर यहीं तहसीलदार थे। 30 अप्रैल को उनका ट्रांसफर सदर तहसील में हो गया था। आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी उन्होंने सादे कागज पर नामांतरण का आदेश जारी कर दिया था।

पिछले दिनों पुवायां के कुछ वकील नामांतरण से जुड़ी फाइलें लेकर तहसीलदार राघवेश मणि त्रिपाठी के पास पहुंचे। इन फाइलों को पोर्टल पर दर्ज कराना था। तहसीलदार ने फाइलें देखीं तो उन पर पूर्व तहसीलदार अरुण सोनकर के हस्ताक्षर तो थे, लेकिन कोई तारीख दर्ज नहीं थी।

तहसीलदार ने इसकी जानकारी डीएम को दी। डीएम ने अरुण सोनकर को ऑफिस बुलाकर पूछताछ की तो उन्होंने स्वीकार किया कि तारीख डालना भूल गए थे। संदेह पर डीएम ने एडीएम न्यायिक राशिद अली को जांच सौंप दी।

एडीएम ने अपनी जांच में रिपोर्ट में लिखा कि नामांतरण में क्रेता और विक्रेता पक्ष को भेजे गए नोटिस भी संलग्न नहीं थे। अरुण सोनकर ने ट्रांसफर के बाद संबंधित पक्षकारों से बिना शपथ पत्र के सादे कागज पर बैनामों का नामांतरण कर दिया था। यहां तक कि बारकोड रहित दस्तख्त और तारीख के बिना पत्रावलियों को निस्तारित कर दिया गया, जो अनियमितता के दायरे में आता है। एडीएम की रिपोर्ट पर डीएम ने उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी।

डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के आयुक्त को पत्र लिखा है। जिसमें तहसीलदार अरुण सोनंकर के निलंबन और उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठाने की संस्तुति शामिल है। डीएम के मुताबिक, अरुण सोनकर ने सभी पत्रावलियों पर बैक डेट में आदेश पारित किए थे। इतना नहीं उन्हेांने वर्तमान इन पत्रावलियों को आरसीसीएमएस पोर्टल पर चढ़ाने के लिए वर्ततान तहसीलदार पर दबाव बनाया। अरुण सोनकर के निलंबित की संस्तुति के साथ एसडीएम और तहसीलदार को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कहा गया है।