दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने संसद परिसर में कल गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की मामले (push-pull cases) पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि पुलिस सबसे पहले धक्का-मुक्की में घायल भारतीय जनता पार्टी के दोनों सांसदों (मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी) का बयान दर्ज करेगी. पुलिस बीजेपी की शिकायत (BJP’s complaint) पर सबसे पहले इन दोनों के बयान लेने वाली है. यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी, ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके.
पुलिस घटना से जुड़ी तमाम सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल वीडियो की पड़ताल करेगी. इसके साथ ही मीडिया के कमरे में दर्ज फुटेज भी सबूत के तौर पर जुटाए जाएंगे. ये फुटेज पुलिस को घटना की सटीक जानकारी और साक्ष्य जुटाने में मदद करेंगे. संसद से सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा करने के लिए दिल्ली पुलिस लोकसभा स्पीकर से इजाजत लेगी.
बयान और फुटेज मिलने के बाद पुलिस स्पीकर से अनुमति लेने की कोशिश करेगी, ताकि घटना के स्थान पर जाकर सीन को रिक्रिएट किया जा सके. अगर अनुमति मिलती है, तो पुलिस की टीम इस प्रक्रिया को पूरा करेगी ताकि आरोपों में कितनी सच्चाई है ये पता चल सके
जांच के अगले चरण में दिल्ली पुलिस कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उस समय मौजूद अन्य सांसदों को नोटिस भेजेगी. उनसे पूछताछ के लिए समय और स्थान निर्धारित किया जाएगा. सबसे पहले घटना स्थल पर मौजूद सांसदो के बयान दर्ज होने उसके बाद राहुल गांधी को सम्मन कर पूछताछ कर सकती है
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली पुलिस हर कदम सोच-समझकर उठा रही है. जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि घटना के पीछे की सच्चाई क्या है. दिल्ली पुलिस कांग्रेस की शिकायत की भी जांच कर रही है. कांग्रेस ने अपनी शिकायत में बीजेपी सांसदो को आरोपी बताते हुए मल्लिकार्जुन खडरगे को धक्का देकर गिराने और SC/ST एक्ट के तहत आरोप लगाया था.