पेरिस ओलम्पिक के 14वें दिन हिंदुस्तान के लिए एक और बड़ी खुशखबरी सामने आई है. कुश्ती इवेंट में भारत को आखिरकार मेडल मिल ही गया है. महिला पहलवान विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सभी को अमन सहरावत से पदक की उम्मीद थी और उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने का काम भी किया.
अमन सहरावत ने जीता ब्रॉन्ज मेडल
अपने डेब्यू ओलंपिक में ही अमन सहरावत ने पुरुषों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया. उन्होंने पुअर्तो रिको के पहलवान को ब्रॉन्ज मेडल मैच में एकतरफा अंदाज में 13-5 से शिकस्त देते हुए ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया और इस तरह पेरिस ओलंपिक की पदक तालिका में भारत के पदकों की संख्या 6 पदक हो गई हैं.
सबसे युवा भारतीय
इतना ही नहीं, अमन सहरावत ओलंपिक में इंडिविजुअल इवेंट में मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय भी बन गए हैं. अमन दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में रवि दहिया के साथ ही ट्रेनिंग करते रहे हैं, जिन्होंने टोक्यो ओलम्पिक में सिल्वर मेडल जीता था. अमन उन्हें अपना गुरु मानते रहे हैं और इस बार उन्होंने नेशनल ट्रायल्स में रवि दहिया को ही हराकर क्वालिफायर्स में जगह बनाई थी और फिर पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल किया था.
भारत को समर्पित किया पदक
अमन ने इस मेडल को पूरे देश के नाम समर्पित कर दिया है. अमन ने मेडल जीतने के बाद कहा कि वह ये मेडल अपने देश, अपने दिवंगत माता-पिता को समर्पित करते हैं. अमन का ये मेडल भारतीय कुश्ती का ओलंपिक में सातवां मेडल है.