केंद्रीय बजट को पंजाब एंव देश के अन्नदाता प्रति बदलाखोरी वाला इकरार देते हुए पंजाब के रोज़गार उत्पति, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने आज कहा कि इस बजट ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का बदलाखोरी वाला चेहरा बेनकाब कर दिया है क्योंकि वह हाल ही में हुई लोक सभा चुनाव में राज्य में एक भी सीट जीतने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मोदी सरकार का विशेष ध्यान असली मुद्दों को हल करने की बजाय विरोधी धड़े को निशाना बनाना है।
यहाँ पंजाब भवन में प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि देश के अन्न भंडार के तौर पर जाने जाते पंजाब ने देश को ख़ुराक सुरक्षा के मामले में आत्म- निर्भर बनाया परन्तु इसके बावजूद केंद्रीय बजट में सरहदी राज्य को आँखों से अदृश करते कृषि, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के विकास के लिए कोई भी उपबंध नहीं किया गया जबकि इसके विपरीत अपनी लंगडी सरकार को बचाने के लिए भाजपा ने अपनी हिस्सेदार पार्टियोँ टी.डी.पी. और जे.डी ( यू) प्रशासित राज्यों आंध्रा प्रदेश और बिहार को विशेष सौगात दी है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सूबो के विकास को बढावा देने के लिए बीते दिन वित्त कमिशन से 1,32, 247 करोड़ रुपए के फंड की माँग की है परन्तु आज केंद्रीय बजट में पंजाब को पूरी तरह अनदेखा करते आपदा प्रबंधन, फ़सली विभिन्नता, उद्योग या एम.एस.एम. इज के लिए कोई भी विशेष ग्रांट नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह बजट केंद्र सरकार द्वारा बार- बार दोहराए जाते अपने नारे ” सबका साथ, सबका विकास” की पोल खोलता है। उन्होंने कहा कि यह बजट निराशाजनक और दिशाहीन होने के साथ-साथ भारत के आम लोगों विशेषतौर पर पंजाब के लोगों प्रति सरकार की बेरुख़ी की स्पष्ट उदाहरण है। श्री अमन अरोड़ा ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने एक बार फिर प्रमुख मुद्दों के हल प्रति अपनी नाकामी का सबूत दे दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में महिलाओं, किसानों, युवाओं और गरीबों के लिए भी कोई विशेष उपबंध नहीं किया गया।
अमन अरोड़ा ने कहा कि किसान अपनी उपज की कानूनी गारंटी के लिए प्रदर्शन कर रहा है परन्तु केंद्र सरकार कम से-कम समर्थन मूल्य ( एम.एस.पी.) बारे एक शब्द भी बोलने को राज़ी नहीं, बल्कि इसके विपरीत किसानों पर और बोझ डालने के लिए खाद्य की सब्सिडी में भी कटौती कर दी गई है, जो कडी मेहनत करने वाले हमारे किसान वीरों के साथ भद्दा मज़ाक है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पाँच राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड बारे खोखले वायदे कर रही है और स्पष्ट तौर पर यह बताने से बच रही है कि कौन से राज्यों को इस का लाभ होगा या उधारी की सीमाएं ( क्रेडिट लिमट) क्या होंगी? उन्होंने कहा कि अस्पष्टता कारण किसान अपने भविष्य के बारे में फ़िकरमंद एंव अनिश्चितता में है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने हर साल युवाओं को दो करोड़ नौकरियाँ देने का एलान किया था परन्तु युवा बेरोज़गारी की मार बरदाश्त कर रहे है। विवादपूर्ण अग्निवीर स्कीम को ख़त्म करने और फ़ौज की रिवायती भर्ती प्रक्रिया को बहाल करने की बजाय, सरकार उन युवाओं( अग्निवीरों) की दुर्दशा पर चुप बैठी है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि बजट की असफलता के स्पष्ट संकेत इस बात से भी मिल जाते है कि बजट ऐलान के बाद ही स्टाक मार्केट में गिरावट आई, जो जनता में बड़ी स्तर पर अविश्वास को दिखाती है। उन्होंने कहा कि देश के लिए व्यापक, दूरअन्देशी वाला दृष्टिकोण अपनाने की जगह सरकार का अस्थाई एंव अस्थाई सुधारों की तरफ रवैया करने वाला यह रुझान बहुत चिंताजनक है।