हरियाणा के पंचकूला में प्रदेश सरकार (Haryana Govt) द्वारा राज्य स्तरीय पंचायत सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा अनेकों घोषणाएं की गई, जिन्हें सुनकर सरपंचों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई. दरअसल, मुख्यमंत्री द्वारा सरपंचों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की गई. इससे पहले सरपंचों को ₹2,000 मानदेय दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर ₹5,000 कर दिया गया.
इनका बढ़ाया गया मानदेय
मुख्यमंत्री द्वारा भूतपूर्व पंचायती राज के प्रतिनिधियों की पेंशन भी बढ़ा दी गई. जहां इन्हें पहले ₹1,000 मानदेय मिलता था, अब इसे बढ़ाकर ₹1,500 प्रति माह कर दिया गया. इसके अलावा, जिला परिषदों के अध्यक्ष की पेंशन को भी ₹3,000 कर दिया गया है. इन्हें पहले ₹2,000 प्रतिमाह पेंशन मिलती थी. वहीं, जिला परिषदों के उपाध्यक्षों की पेंशन को ₹1,000 से ₹1,500 करने की घोषणा की गई. पंचायत समिति के अध्यक्षों का मानदेय 2250 रुपए कर दिया गया. इन्हें पहले ₹1,500 प्रति माह का मानदेय मिलता था.
उपाध्यक्षों का मानदेय भी 750 रुपए से बढ़ाकर 1,125 रूपए कर दिया गया. इसी तर्ज पर पूर्व सरपंचों की पेंशन भी ₹1,000 से बढ़कर ₹1,500 कर दी गई. सरपंचो की पेंशन को 2,000 रूपए से बढ़ाकर 5,000 रूपए कर दिया गया.
विकास के लिए जारी किए गए 2400 करोड़
मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के विकास के लिए 2,400 करोड रुपए जारी करने की घोषणा की गई. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र के विकास के लिए 900 करोड रुपए तथा ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए भी 900 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंचायती राज को मजबूती प्रदान करना और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देना ही भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है. साल 2014 से अब तक सरकार द्वारा पंचायत के बजट को 600 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7500 करोड रुपए कर दिया गया है.