छत्तीसगढ़ में नक्सली अटैक नया नहीं है, यहां आए दिन हमले होते रहते हैं। पुलिस के अनुसार, दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 6 नक्सली मारे गए ये जिनमें 3 महिलाएं भी थीं। ये सभी नक्सली खूंखार कैडर के थे, जिन पर कुल 38 लाख रुपये का इनाम था। यह ऑपरेशन पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) कंपनी नंबर पर सुरक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा हमला है। पुलिस ने कहा कि इससे पूर्वी बस्तर संभाग में नक्सलियों के बीच डर का माहौल पैदा हो गया है, जिसे उनका मजबूत गठन माना जाता है।
मुठभेड़ शुक्रवार को ओरछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोबेल और थुलथुली गांवों के पास हुई। जबकि पुलिस ने पहले कहा था कि सात नक्सली मारे गए, बाद में उन्होंने मरने वालों की संख्या छह बताई, जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने इस घटना को लेकर कहा है कि मृतक पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की सैन्य कंपनी नंबर 6 और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के पूर्वी बस्तर डिवीजन फॉर्मेशन के थे।
कब शुरू हुआ था ऑपरेशन?
पूर्वी बस्तर डिवीजन फॉर्मेशन के माओवादियों की मौजूदगी के बारे में इनपुट के आधार पर नारायणपुर, कोंडागांव,दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों की सीमा पर 6 जून को देर रात सुरक्षा कर्मियों की अलग-अलग टीमों को शामिल करते हुए ऑपरेशन शुरू किया गया था। पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने इस घटना की जानकारी दी है।
71 मुठभेड़ों में 123 नक्सली मारे गए
मारे गए छह उग्रवादियों में से चार की पहचान स्नाइपर टीम कमांडर और प्लाटून नंबर मासिया उर्फ मेसिया मंडावी (32) के रूप में की गई। 2 सेक्शन ‘ए’ कमांडर, रमेश कोर्राम (29), डिप्टी कमांडर, सन्नी उर्फ सुंदरी, पार्टी सदस्य, और सजंती पोयाम, जो पीएलजीए कंपनी नंबर की सदस्य थीं।
इन चारों के सिर पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। बाकी दो की पहचान जयलाल सलाम के रूप में की गई, जो बयानार क्षेत्र समिति के सदस्य के रूप में सक्रिय था और उसके सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था, और जननी उर्फ जन्नी ( 28), उसके सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने कहा कि इस साल अब तक बस्तर संभाग में 71 मुठभेड़ों में 123 नक्सली मारे गए हैं।