पुणे कार हादसे मामले में पुलिस अब सख्त रूख अपना रही है। नाबालिग से जुड़े पोर्श कार दुर्घटना मामले की व्यापक जांच के विभिन्न पहलुओं पर गौर करने के लिए पुलिस ने 100 कर्मियों वाली एक दर्जन से अधिक टीमें गठित की हैं। पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई को एक नाबालिग लड़के द्वारा कथित रूप से चलाई जा रही पोर्श कार की एक मोटरसाइकिल से जोरदार टक्कर हो गई थी। इस हादसे में 2 आईटी पेशेवरों की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकावड़े ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि जांच पेशेवर और प्रभावी ढंग से की जाए, हमने कई टीमें तैनात की हैं। अधिकारियों सहित लगभग 100 पुलिसकर्मी मामले के विभिन्न पहलुओं की देखरेख कर रहे हैं।’
पुलिस ने तीन पंजीकृत मामलों की जांच के लिए 8 से 10 कर्मियों वाली तीन टीमें बनाई हैं, मामलों को मजबूत करने के लिए दस्तावेजीकरण के लिए दो टीमें, सीसीटीवी फुटेज की निगरानी के लिए एक टीम, तकनीकी विश्लेषण के लिए तीन टीमें और फील्ड ऑपरेशन के लिए भी इतनी ही टीमें बनाई हैं। एक-एक टीम को आरोपियों को एस्कॉर्ट करने और संचार का काम सौंपा गया है।
पुणे के पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने शनिवार को बताया कि लड़के के परिवार के सदस्यों में से पुलिस ने अब तक उसके पिता, दादा और किशोर की मां को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, नाबालिग के ब्लड सैंपल के नमूने उसकी मां के ब्लड नमूने से बदल दिए गए थे। पुलिस हिरासत में लिए गए अन्य लोगों में सरकारी ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टर और एक कर्मचारी शामिल हैं, जिन पर नाबालिग लड़के के रक्त के नमूने की कथित रूप से अदला-बदली करने का आरोप है।