दुनिया में कोरोना (corona) के बाद एक और महामारी आने को तैयार है। इसे लेकर ब्रिटिश वैज्ञानिक (British scientist) ने चेतावनी जारी की है। वैज्ञानिक ने कहा है कि आने वाली सरकार इस पर ध्यान दे। साथ ही वैज्ञानिक ने यह भी कहा कि ऐसी महामारी से निपटने के लिए दुनिया अभी तैयार नहीं है। बेहतर होगा कि इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दें। यह जानकारी ब्रिटिश मीडिया में प्रकाशित की गई है।
ब्रिटिश वैज्ञानिक पैट्रिक वालेंस ने एक कार्यक्रम में इस महामारी के बारे में सचेत रहने की चेतावनी दी है। पैट्रिक वालेंस ब्रिटिश सरकार के पूर्व चीफ साइंटिस्ट एडवाइजर रह चुके हैं। इनके मुताबिक कोरोना जैसी स्थिति से निपटने के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है। ब्रिटिश वेबसाइट ‘द गार्जियन’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पैट्रिक ने कहा है कि जिस प्रकार कोरोना में दवाइयां, वैक्सीन और इलाज के कारण इसे रोकना संभव हो पाया, इसी तरह की तैयारी आने वाली महामारी से निपटने के लिए करनी होगी। उन्होंने कहा कि हमें शुरुआत में ही खतरों का पता लगा लेने के लिए बेहतर निगरानी तंत्र स्थापित करने की जरूरत है। पैट्रिक वालेंस को कोरोना से समय कठोर कदम उठाने के लिए जाना जाता है। यह 2018 से 2023 तक ब्रिटेन के चीफ साइंटिस्ट एडवाइजर रह चुके हैं। उन्होंने कोरोना काल में कोरोना के खिलाफ नीतियां बनाने में ब्रिटिश सरकार की मदद की थी।
पैट्रिक वालेंस ने बताया कि उन्होंने 2021 में G7 देशों के नेताओं की बैठक में कहा था कि महामारी के खिलाफ एकजुट होने की जरुरत है। इसके लिए हमें तेजी से रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट, रैपिड वैक्सीन और रैपिड ट्रीटमेंट करने होंगे ताकि खतरे को कम किया जा सके। वालेंस ने अफसोस जताते हुए कहा कि 2023 तक G7 ने उनकी उस सलाह को भुला दिया। उन्होंने कहा कि इसे भुलाया नहीं जा सकता। इस महामारी से युद्ध की तरह ही निपटा जाना चाहिए और इससे निपटने के लिए हमेशा तैयारी रखनी चाहिए। पैट्रिक ने कहा कि महामारी के इस मुद्दे को भुलाया नहीं जाना चाहिए। अगर G7 और G20 के एजेंडे से यह मुद्दा निकाल दिया जाता है तो हम उसी स्थिति में आ जाएंगे जहां से इस महामारी ने निपटा मुश्किल होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) जल्द ही अगली महामारी के लिए मीटिंग करने वाला है। इस मीटिंग का मुख्स एजेंडा महामारी को लेकर एक संधि पर हस्ताक्षर करना है। हालांकि इसका मसौदा अभी तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में लगता है कि यह मीटिंग शायद ही हो। अगर यह मीटिंग नहीं होती है तो महामारी से बचने को लेकर जो एकजुटता दिखाए जाने की जरूरत है, उसको धक्का लग सकता है।