बिहार के बक्सर में आनंद विहार से आ रही नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस की 21 बोगियां पटरी से उतर गई. हादसा तब हुआ जब ट्रेन बक्सर से खुलकर आरा के लिए रवाना हुई थी. इस दौरान रघुनाथपुर स्टेशन के पास रात के करीब 10 बजे जोरदार आवाज के साथ इंजन और 21 बोगियां डिरेल हो गई. इसके साथ ही कई बोगियां पलट भी गई. इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. इनमें कई लोगों की हालत गंभीर है. हादसे में और भी लोगों की जानें जा सकती थी अगर देवदूत बन कर वहां ग्रामीण नहीं पहुंचे होते और लोगों की जान नहीं बचाई होती.
नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस की जहां ज्यादातर बोगी पटरी से उतर गई थी वहीं, एसी-3 टियर की दो बोगी पलट गई थी. घटना के बाद मौके पर दौड़ते भागते पहुंचे ग्रामीणों ने शीशा तोड़कर लोगों को निकालना शुरू किया. ट्रेन दुर्घटना के बाद मौके पर वहां घुप्प अधेरा था. लोगों ने टॉर्च और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर अंदर फंसे लोगों को निकालना शुरू किया.
दौड़ते भागते मौके पर पहुंचे लोग, पूरी रात की मदद
दुर्घटना के बाद मौके पर रेसक्यू टीम को पहुंचने में दो घंटे से ज्यादा का वक्त लगा तब तक ग्रामीणों ने वहां मोर्चा संभाले रखा. हादसे के बाद रघुनाथपुर गांव के साथ ही आसपास के 1 से दो किलोमीटर दूर जितने गांव थे वहां से लोग पहुंच गए और लोगों की मदद की. जब हादसा हुआ तब गांव के ज्यादातर लोग रात का खाना खाकर सोने जा रहे थे लेकिन उन्हें जब हादसे की जानकारी हुई तो मोटरसाइकिल, साइकिल, पैदल जैसे हो सका दौड़ते भागते घटनास्थल पर पहुंचे और फिर पूरी रात लोगों को मदद की.
मोबाइल की फ्लैश लाइट से लोगों को बचाया
मौके पर मदद के लिए पहुंचे एक शख्स ने बताया कि जब यहां पहुंचे तो स्थिति भयावह थी, ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरा हुआ था, दो बोगियां पलटी हुई थी. हर और चीख पुकार मचा था. बच्चे और महिलाएं रो रही थीं. यह देखकर मन विचलित हो गया. फिर हिम्मत कर लोगों की मदद शुरू कर दी. अंधेरा होने की वजह से कुछ नहीं दिख रहा था तब मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर लोगों को निकाला. करीब दो घंटे बाद राहत और बचाव की टीम भी मौके पर पहुंच गई.