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अमेरिकी शहर पर लाखों झींगुरों का हमला, सड़कों पर चलना मुश्किल; आपातकालीन सेवाएं प्रभावित

अमेरिका के नेवादा राज्य के कई शहरों पर हमलावरों ने कब्जा कर लिया है. क्या गलियां, क्या सड़क और क्या अस्पताल, या घर कोई भी ऐसी जगह नहीं बची है जहां पर इन आक्रमणकारियों ने अपने पैर नहीं पसारे हों. यहां तक कि लोग घर के अंदर छिप कर बैठे हुए हैं. लेकिन यह हमलावर किसी दूसरे देश से नहीं आए हैं. यह कोई एलियन भी नहीं हैं. बल्कि यह झींगुर हैं.

झींगुरों ने आपातकालीन सेवा पर डाला असर
लाखों की तादाद में मौजूद इन मोरमोन झींगुरों ने एल्को शहर को पूरी तरह ढक लिया है, सड़क पर चलना तक दूभर हो गया है. यहां तक कि अस्पताल जाने का रास्ता भी इनकी वजह से बंद पड़ गया है. यहां पर लोग इन कीटों से बुरी तरह तंग आ गए हैं. घर के अंदर मौजूद होने के बाद भी उनकी आवाज इस तरह का शोर पैदा कर रही है मानो बहुत तेज बारिश हो रही हो. यही नहीं इन झींगुरों की वजह से आपातकालीन सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ा है.

अभी कुछ दिन रहेगा झींगुरों का प्रकोप
लोग अस्पताल में मरीजों को लाने से पहले पत्ते हटाने वाले ब्लोअर या झाड़ू का इस्तेमाल कर रहे हैं. तो कहीं पर बर्फ हटाने वाली मशीन और ट्रैक्टर की मदद से इन झींगुरों के ढेर को साफ किया जा रहा है. एल्को के लोगों के लिए बुरी खबर यह है कि वह इसके लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं. बस उन्हें इस पल के निकल जाने का इंतजार करना होगा.

झींगुर क्या होते हैं
मोरमन क्रिकेट या झींगुर, जमीन पर रहने वाले कीट होते हैं जो उड़ नहीं सकते हैं. यह मूल रूप से पश्चिम अमेरिका में पाए जाते हैं. इनका भोजन, बारामासी झाड़, घास और फसलें होती हैं. इनकी वजह से पशुओं के चारे में भी कमी हो जाती है. यही नहीं इनकी बड़ी मात्रा मिट्टी के कटाव, मिट्टी और पानी की गुणवत्ता में कमी का कारण बनती है, इस वजह से खेती और इकोसिस्टम को बड़ा नुकसान पहुंचता है. मोरमन झींगुर मिसौरी नदी के पश्चिम में और पूरे नेवादा राज्य में पाए जाते हैं. 1990 के दशक की शुरुआत से इनकी तादाद में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. रिपोर्ट बताती है कि 2006 में नेवादा में करीब 1 करोड़ एकड़ जमीन मोरमन झींगुर से पीड़ित थी.

सूखा और इंसानी आबादी इनके फैलने की वजह
नेवादा राज्य के कीटविज्ञानी जेफ नाइट कहते हैं कि झींगुरों के झुंड का इस क्षेत्र में होना कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन इसके इस कदर बढ़ने की एक वजह इंसानी आबादी का बढ़ना और जंगली इलाकों तक रिहाइश का फैलना है. वहीं विशेषज्ञ बताते हैं कि सूखा भी इनके प्रकोप की एक बड़ी वजह है. क्योंकि राज्य में सूखा होने पर यह खाने की तलाश में निकलते हैं और रास्ते में आने वाले बगीचों, खेतों को नुकसान पहुंचाते हैं. यहां तक कि यह जिस खेत को खाते हैं वहीं पर अंडे भी दे देते हैं.