पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा में एक स्कूल में मंगलवार को छात्रों के दो गुटों में आपस में भिडंत हो गया। एक समूह क्लास में ‘नमाबली’ (केसर स्कार्फ) के साथ प्रवेश की अनुमति मांग रहा था। उनका कहना था कि अगर लड़कियों को हिजाब (Hijab) के साथ क्लास में एंट्री मिल सकती है तो हमें नमाबली (namabli) के साथ क्यों नहीं। दोनों गुटों के बीच झड़प के बाद तनाव को कम करने के लिए पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (Police and Rapid Action Force) के जवानों को तैनात करना पड़ा। आपको बता दें कि दोनों पक्षों के लड़के और लड़कियों के बीच मारपीट हुई। इसके कारण अधिकारियों को प्री-बोर्ड परीक्षा रद्द करना पड़ा।
पश्चिम बंगाल बोर्ड से संबद्ध 50 साल पुराने स्कूल धुलागोरी आदर्श विद्यालय ने शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रबंध समिति, अभिभावकों और स्थानीय प्रशासन के साथ एक बैठक बुलाई है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पांच छात्र, स्कूल के गेट पर अपनी स्कूल यूनिफॉर्म पर ‘नमाबली’ के साथ इकट्ठा हो गए। उन्होंने मांग की कि उन्हें अंदर जाने दिया जाए। उनका विरोध बारहवीं कक्षा की प्री-बोर्ड इतिहास परीक्षा से ठीक पहले शुरू हो गया था। स्कूल के अधिकारियों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मांग की कि उन्हें ‘नमाबली’ के साथ अंदर जाने दिया जाए। उन्होंने कहा कि जब लड़कियों को हिजाब पहनने की अनुमति है तो हमें इसकी इजाजात क्यों नहीं है।
स्कूल के अंदर और बाहर छात्र-छात्राएं हिजाब समर्थक और ‘नमाबली’ समर्थक में बंट गए। शिक्षक छात्रों को नियंत्रित करने में असमर्थ हो गए। कुछ शिक्षकों ने कहा कि दोनों ग्रुप स्कूल परिसर में भिड़ गए और स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। क्लास इंचार्ज अरिंदम बनर्जी ने तुरंत संकरैल पुलिस को फोन किया। आरएएफ के साथ एक टीम स्कूल पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया। हावड़ा के पुलिस आयुक्त प्रवीण त्रिपाठी ने इस पूरे प्रकरण पर कुछ भी बोलने से फिलहाल इनकार कर दिया है।
बंगाल के मंत्री अरूप रे ने कहा, ”उकसावे के कारण यह घटना हुई है। मैंने पुलिस से भी बात की है। मैंने पुलिस से पूरी जांच के लिए अनुरोध किया है। पुलिस से कहा है कि न केवल अपराधियों को खोजा जाए, बल्कि यह भी पता लगाया जाए कि उन्हें किसने उकसाया।”