इस बार धनतेरस पर सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का अद्भुत शुभ संयोग बन रहे हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन-त्रयोदशी या धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस बार पर्व 23 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इन सभी योग और शुभ मुहूर्त होने के कारण इस धनतेरस मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन बरसाएंगी।
ज्योतिषविद विभोर इंदुसुत कहते हैं कि कृष्ण त्रयोदशी के ही दिन समुद्र से भगवान धनवंतरि का प्राकट्य हुआ था। उनके प्राकट्योत्सव के कारण धनवंतरि से ही इस पर्व का नाम धनतेरस पड़ा। वहीं दूसरा महत्व यम दीपदान को लेकर है। इस दिन संध्या के समय प्रदोषकाल में मुख्यद्वार पर यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है और स्वस्थ व दीर्घायु की कामना की जाती है।
ज्योतिषविद भारत ज्ञान भूषण कहते हैं कि धनतेरस पर विशेष रूप से नये बर्तन, सोना, चांदी, आभूषण, नए वस्त्र, और गृह-सज्जा का समान खरीदना शुभ माना गया है। इसके अलावा धनतेरस का दिन एक परमसिद्ध मुहूर्त भी होता है। इस दिन ऑफिस ओपनिंग, नींवपूजन, गृहप्रवेश, नए घर की बुकिंग, बिजनेस डील आदि और नए वाहन की खरीदारी भी बहुत शुभ मानी गई है।
बन रहे विशेष योग
धनतेरस पर सुबह से ही सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो जाएगा, जो पूरे दिन और रात्रि तक रहेगा। दोपहर 2:30 बजे से अमृत सिद्धि योग भी शुरू होगा। धनतेरस पर सुबह 7.51 बजे से दोपहर 12 बजे के मध्य चर, लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त रहेंगे, जो खरीदारी करने के लिए बहुत शुभ समय होगा। इसके बाद दोपहर 1:30 से 3 बजे के बीच भी शुभ चौघड़िया में खरीदारी के लिए शुभ समय होगा। इसके बाद शाम 6 बजे से रत 10:30 बजे के बीच भी पुनः चर, लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त होंगे, जिनमें खरीदारी का शुभ समय होगा।
खरीदारी के शुभ मुहूर्त
सुबह : 7:51 से दोपहर 12 बजे तक लाभ अमृत चौघड़िया
दोपहर : 1:30 से 3 बजे तक शुभ चौघड़िया
शाम 6 से रात 10:30 बजे तक चर, लाभ अमृत चौघड़िया
राहुकाल में न करें खरीदारी : दिन शाम 4:30 बजे से 6 बजे तक राहुकाल
धनतेरस पर पूजन
धनतेरस पर शाम 6 बजकर 3 मिनट पर त्रयोदशी समाप्त हो रही है, इसलिए शाम 6:03 से पहले ही पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा, शाम 5:40 से शुभ चैघड़िया भी शुरू हो जाएगा, इसलिए 23 को धनतेरस पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त शाम 5:40 से 6:03 तक रहेगा। जो व्यक्ति इस मुहूर्त में धनतेरस पूजन ना कर पाएं, वे इस समय के बाद भी पूजन कर सकते हैं क्योंकि पूरे दिन ही त्रयोदशी तिथि व्याप्त रही है।
धन तेरस पूजा विधि
अपने पूजास्थल में चावल या गेहूं की एक छोटी ढेरी बनाकर उस पर देसी घी का एक दिया जलाकर रखें फिर माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए तीन बार श्रीसूक्त का पाठ करें। मां लक्ष्मी सहित सभी देवी-देवताओं को मिठाई या मीठे व्यंजन का भोग लगाएं और फिर इसे परिवार सहित प्रसाद रूप से ग्रहण करें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा होगी और आपके जीवन में समृद्धि बढ़ेगी।