उत्तर प्रदेश (UP) के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) का सर्वेक्षण रोकने (To Stop the Survey) की याचिका (Petition) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मंगलवार को सुनवाई करेगा (To Hear on Tuesday) । सुप्रीम कोर्ट ने गत 13 मई को मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई करने पर अपनी सहमति दी थी, लेकिन सर्वेक्षण पर तत्काल रोक लगाने की याचिकाकर्ता की मांग ठुकरा दी थी। अब इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा इस मामले की सुनवाई करेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद का सर्वेक्षण कराने संबंधी वाराणसी की स्थानीय अदालत के आदेश को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी। वाराणसी की अदालत ने पांच हिंदू महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुये गत माह एडवोकेट अजय कुमार मिश्रा की अगुवाई में मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था।
याचिकाकर्ता के वकील हुजैफा अहमदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 21 अप्रैल के आदेश को चुनौती देते हुये शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिकाकर्ता के वकील हुजैफा अहमदी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि वह इस मामले में कुछ नहीं जानती है। उसके पास कोई विवरण मौजूद नहीं है तो ऐसी स्थिति में पीठ कोई आदेश कैसे पारित करेगी। अहमदी ने आग्रह किया था कि सुप्रीम कोर्ट यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दे और दलील दी थी कि ज्ञानवापी मस्जिद धार्मिक स्थल अधिनियम के तहत आता है। इस पर पीठ ने कहा था कि वह पहले दस्तावेजों को देखेगी। इसके बाद याचिका को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर लिया गया था।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद में प्राचीन मंदिर के होने का दावा करते हुये पांचों महिला याचिकाकर्ताओं ने वहां पूजा-अर्चना करने की इजाजत दिये जाने की मांग की थी। वाराणसी की अदालत ने 12 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियो सर्वेक्षण दोबारा शुरू करने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण रिपोर्ट 17 मई को सौंपी जानी है।मुस्लिम पक्ष इस सर्वेक्षण के विरोध में है। उन्होंने एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को भी हटाने की मांग की थी। वाराणसी कोर्ट ने उनकी मांग को मानने से इनकार करते हुये दो अतिरिक्त कमिश्नर वकील विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया।