कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush jain) के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 430 पन्नों की चार्जशीट दाखिल (Chargesheet filed) की है. DRI पीयूष के कन्नौज के घर से मिले 23 किलो सोने के मामले की जांच कर रही है. बता दें कि आरोप पत्र कानपुर नगर स्थित विशेष मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दाखिल किया गया है. वहीं DRI ने नई दिल्ली स्थित सेंट्रल रेवेन्यू कंट्रोल लेबोरेटरी की रिपोर्ट में कहा कि पीयूष के घर से जब्त किए गए सोने में 99.83 फीसदी शुद्धता पाई गई है.
DRI के वकील अंबरीश टंडन ने कहा कि पीयूष जैन के आयकर रिटर्न में सोने का कोई जिक्र नहीं है. दरअसल, पीयूष ने जिलाधिकारी की अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की थी. इस मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी. वहीं डीआरआई की टीम ने सोने की कीमत आंकने के लिए उसका प्योरिटी टेस्ट करवाया. दिल्ली के सेंट्रल रेवेन्यू कंट्रोल लैब में जांच के बाद जो रिपोर्ट आई है, उसमें पीयूष जैन के घर से बरामद 23 किलो सोना 99.83% शुद्ध निकला है.
क्या बोले DRI के वकील?
अंबरीश टंडन ने कहा कि अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है. बता दें कि दिसंबर 2021 में GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की अहमदाबाद यूनिट ने पीयूष जैन के कन्नौज स्थित घर पर छापा मारा था. इस दौरान 195 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 23 किलोग्राम सोना और 6 करोड़ रुपये का चंदन का तेल जब्त किया गया था. इसके साथ ही 23 किलो सोना भी बरामद हुआ था. डीजीजीआई ने आशंका जताई है कि सोना विदेशों से तस्करी कर लाया गया था. वहीं जेल में पूछताछ के दौरान पीयूष ने डीआरआई के अधिकारियों को यह नहीं बताया कि उसने भारत में सोना कहां से खरीदा था.
ये कहा था पीयूष जैन ने
इतना ही नहीं, करोड़ों की काली कमाई के मामले में गिरफ्तार पीयूष जैन ने अदालत से मांग की थी कि मेरे ऊपर टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) 52 करोड़ रुपए काटकर बाकी रकम मुझे वापस कर दे. इस संबंध में पीयूष जैन की ओर से कोर्ट में आवेदन दिया गया था.
छापे में ये हुआ था बरामद
छापे की कार्रवाई के बाद डीजीजीआई के वकील अंबरीश टंडन ने बताया था कि पीयूष के घर से जो पैसा बरामद हुआ है, ये टैक्स चोरी की रकम है. बरामद रकम 42 बॉक्स में रखकर बैंक में जमा की गई है. टंडन ने बताया था कि कानपुर में 177 करोड़ 45 लाख रुपये बरामद किए गए. जिसे दो बार में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराया गया. पहली बार 25 बक्सों में 109 करोड़ 34 लाख 74 हजार 240 रुपये, जबकि दूसरी बार में 17 बक्सों में 68 करोड़ 10 लाख 27 हजार की रकम बैंक भेजी गई थी.
डीजीजीआई भी चार्जशीट दाखिल की थी
इस केस में डीआरआई से पहले डीजीजीआई भी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस की अहमदाबाद टीम ने पीयूष जैन के व्यापार में हुई जीएसटी चोरी के मामले में विवेचना करते हुए 334 पन्ने की चार्जशीट फरवरी में ही दाखिल कर दी थी.