अयोध्या (Ayodhya) उत्तर प्रदेश की सियासत (Politics of Uttar Pradesh) का लंबे समय तक केंद्र रहा. राम मंदिर निर्माण (Ram temple construction work accelerated) का कार्य तेजी से चल रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से दावा किया गया है कि इसका स्वरूप ऐसा होगा, जो न पहले कभी रहा हो और ना इसके बाद होगा. प्लिंथ का काम पांचवें चरण तक पहुंच गया है और जून महीने के बाद मंदिर के गर्भगृह का निर्माण (construction of temple sanctum) शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने भी एक दिन पहले ही अयोध्या पहुंचकर मंदिर के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की थी और खुद अपने हाथ से राम की मुहर पत्थर की शिला पर लगाई थी।
मंदिर के मुख्य परिसर के प्लिंथ का काम पांचवी लेयर तक पहुंच गया है, जो 7 लेयर तक चलेगा और 22 फीट ऊंचा होगा. पौने 3 एकड़ के मंदिर परिसर के अलावा कुल क्षेत्र 8 एकड़ का होगा. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कहा जा रहा है कि मंदिर के निर्माण का 30 फीसदी काम पूरा हो चुका है. ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर निर्माण को लेकर जो बजट बनाया गया था, उसके अंदर ही मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद है और मंदिर निर्माण में ट्रस्ट के सामने धन संबंधी कोई चुनौती आने की नहीं आएगी.
गर्भगृह में लगेगा मकराना का सफेद संगमरमर
राम मंदिर के निर्माण में राजस्थान के भरतपुर की पहाड़ियों के 4.70 लाख घन फुट नक्काशीदार गुलाबी पत्थर लगेंगे. गर्भगृह में लगने वाले मकराना के सफेद संगमरमर की नक्काशी का कार्य भी तेजी से हो रहा है. मंदिर में बेंगलुरु और तेलंगाना की खदान के ग्रेनाइट पत्थरों के भी 17000 ब्लॉक लगेंगे. मंदिर के भूतल के विशाल गड्ढे को IIT मद्रास की डिजाइन तकनीकी से RCC के जरिये भरा गया है. ये करीब 1000 साल तक कृत्रिम चट्टान के रूप में मंदिर के आधार को मजबूत रखेगी.
दो शिफ्टों में चल रहा कार्य
मंदिर के बेस में पड़ने वाली RCC 10 इंच मोटी है और इसकी 48 परतें हैं. गर्भगृह में 56 परतें हैं. मंदिर की नींव में RCC डालने का कार्य जनवरी 2021 में शुरू हो गया था जिसे सितंबर 2021 तक पूरा कर लिया गया यानी नौ महीने का समय. मंदिर के नींव की डिजाइन पर IIT दिल्ली, IIT गुवाहाटी, IIT मद्रास, IIT मुंबई, NIT सूरत, CBRI रुड़की, L&T और TATA कंसल्टिंग इंजीनियर्स ने सामूहिक रूप से कार्य किया. इस कार्य में हैदराबाद की संस्था NGRI का भी सहयोग लिया गया.
शबरी और जटायु के मंदिर का भी है प्रस्ताव
राम मंदिर में शबरी, जटायु के मंदिर बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा जारी है. मंदिर के चारों तरफ परकोटा होगा जिसमें उत्तर, पश्चिम, दक्षिण और पूर्व से श्रद्धालुओं के आने के लिए भी होगा जो सीधे गर्भगृह की तरफ ले जाएगा. 2.7 एकड़ में बनने वाले राम मंदिर के चारों ओर करीब आठ एकड़ में आयताकार 9 लाख घनफुट पत्थर से परकोटा तैयार किया जाएगा. मंदिर के चारों ओर कटान रोकने के लिए रिटेनिंग वॉल भी बनेगी. रिटेनिंग वॉल जमीन में 16 मीटर गहरी और 12 मीटर चौड़ी होगी.
नागर शैली में हो रही पत्थरों की नक्काशी
नागर शैली में पत्थरों की नक्काशी का काम चल रहा है जो मंदिर में लगाए जाएंगे. मंदिर की नक्काशी में राम के जीवन से संबंधित अलग-अलग प्रसंग उकेरे जाएंगे. उत्तर में माता सीता का मंदिर बनाया जाना प्रस्तावित है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह पर प्लिंथ का काम लगभग पूरा हो गया और सात चरण के बाद खत्म हो जाएगा. इसके बाद नक्काशी के पत्थर लगाने का काम होगा.
मंदिर निर्माण की प्रगति से सीएम योगी संतुष्ट
चंपत राय ने कहा कि अयोध्या दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर निर्माण की प्रगति से संतुष्ट हुए. गर्भगृह में भगवान का बाल स्वरूप होगा. हालांकि, बालकराम की फोटो अभी तक नहीं मिली है लेकिन उनके वात्सल्य जीवन को गर्भगृह में दिखाया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि मंदिर निर्माण का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे.
दो शिफ्ट में काम कर रहे 300 से ज्यादा मजदूर
मंदिर के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर का कार्य तेजी से चल रहा है और 30 जून 2022 तक इसका कार्य पूरा कर लिया जाएगा. वहीं L&t के एक अधिकारी ने बताया कि 30 जून तक प्लिंथ का काम पूरा हो जाएगा. मंदिर निर्माण में दो शिफ्ट में 300 से भी ज्यादा वर्कर काम कर रहे हैं. काम की रफ्तार पहले से बढ़ी है और स्ट्रक्चर पूरा तैयार होते ही नक्काशी के पत्थर लगने शुरू हो जाएंगे. दिसंबर 2023 तक मंदिर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
शरद पवार के पोते ने किया दर्शन
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार ने भी रामलला के दर्शन किए. रोहित पवार ने कहा श्रीराम का भव्य स्वरूप देखकर लोगों में मंदिर को लेकर उत्सुकता बढ़ी है. उन्होंने मंदिर निर्माण का कार्य जल्द पूरा होने और इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाने की उम्मीद जताई।