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50 साल बाद रक्षाबंधन पर बन रहा है अद्भुत संयोग, श्रावण पूर्णिमा पर बहनें बांधेंगी ‘राखी’

शास्त्र के अनुसार प्रत्येक श्रावण मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष यानि 2021 में रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाई जाएगी। सनातन धर्म में रक्षाबंधन का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन बहन भाई को राखी बांधती हैं और भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है। इस वर्ष रक्षाबंधन का दिन बेहद शुभ है।

इस बार 50 साल बाद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। रक्षाबंधन का पर्व इस वर्ष चार विशिष्ट योगों से परिपूर्ण है। पूरे 50 वर्ष बाद सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बनेंगे। इससे पूर्व वर्ष 1981 में ये चारों योग एक साथ बने थे। इन चारों योगों से रक्षाबंधन का महात्म्य बढ़ गया है। इस मध्य भाई और बहन के लिए रक्षा बंधन की रस्म विशेष कल्याणकारी होगी। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं पड़ रहा है।

सूर्योदय से लेकर सायंकाल 5:33 बजे तक कभी भी रक्षाबंधन की रस्म निभाई जा सकती है। बता दें कि रक्षाबंधन के पर्व में राखी बांधने से पहले बहनें पूजा की थाली तैयार करती हैं। पूजा की थाली में 5 चीजों का होना जरूरी हैं। रक्षाबंधन पर्व पर सबसे जरूरी चीज राखी होती है। पूजा की थाली में राखी का होना बहुत जरूरी है। रक्षाबंधन के दिन बहनें सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। तिलक लगाने के लिए रोली की आवश्यकता होती है।

रक्षाबंधन के दिन पूजा थाली में राखी को जरूर रखें। सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले तिलक लगाने की परम्परा है। तिलक लगाने के बाद माथे पर चावल भी लगाया जाता है। इसको अक्षत भी कहते हैं। रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में चावल जरूर रखें। रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की आरती भी उतराती हैं। आरती उतारने के लिए दीपक की जरूरत होगी, इसलिए पूजा की थाली में दीपक को जरूर रखें। त्योहारों हो और मिठाई न हो तो ऐसा हो ही नहीं सकता है। रक्षाबंधन के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं। पूजा की थाली में मिठाई जरूर रखें। बहनें भाई को राखी बांधते समय निम्न मंत्र जरूर पढ़ें-
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामभि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।