अभी हम भले ही 2023 के पहले महीने यानी जनवरी में चल रहे हैं, लेकिन 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) को लेकर सुगबुगाहट तेज (fuzziness strong) होने लगी है। सत्ता पक्ष यानी बीजेपी (BJP) बड़े ही दमखम के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अगुवाई में लगातार तीसरी बार दिल्ली की गद्दी पर वापसी का दावा कर रही है। वहीं, विपक्ष (Opposition) की तरफ से अभी तक किसी को आधिकारिक तौर पर पीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। हालांकि, कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (‘Bharat Jodo Yatra’) कर रहे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की पार्टी के नेता जरूर उनका नाम ले रहे हैं। इस बीच दो और नाम सामने आ रहे हैं। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर (KCR) शामिल हैं।
केसीआर की राष्ट्रीय स्तर पर अहम भूमिका निभाने की महत्वाकांक्षा तो अब साफ नजर आने लगी है। गैर भाजपा और गैर कांग्रेस मोर्चा की वकालत करने वाले केसीआर लगातार क्षेत्रीय नेताओं को लामबंद करने की मुहिम में जुटे हैं। शुक्रवार को ही उन्होंने ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरधर गोमांग से मुलाकात की थी। सूत्रों का कहना है कि केसीआर अलग-अलग राज्यों में पार्टी के विस्तार की भी कोशिश कर रहे हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाने की उनकी मुहिम भी जारी है। आने वाली 18 तारीख को प्रस्तावित रैली भी इसी रणनीति के तहत की जा रही है। इसमें केजरीवाल,अखिलेश यादव सहित कई नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
गौरतलब है कि केसीआर ने अभी कुछ समय पहले अपनी पार्टी का नाम टीआरएस से बदलकर ‘भारत राष्ट्र समिति’ (बीआरएस) कर दिया था। सूत्रों ने कहा कि अब बीआरएस कई राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है। चुनावी राज्य कर्नाटक में भी केसीआर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं। कहा जा रहा कि केसीआर इस बार जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ सकते हैं। खासकर हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन निर्वाचन क्षेत्रों में, जहां तेलुगू लोगों की अच्छी खासी संख्या है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी तेलंगाना के बाहर के उन कुछ नेताओं में से एक थे, जिन्होंने पिछले महीने हैदराबाद में बीआरएस के लॉन्च समारोह में भाग लिया था। केसीआर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूएसटी) के नेता उद्धव ठाकरे से वैकल्पिक मोर्चा बनाने की योजना पर चर्चा करने के लिए मिल चुके हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार से भी वे लगातार संपर्क में हैं।
नीतीश कुमार भले ही खुद को इस दौर से बाहर बता रहे हैं, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी भूमिका से इनकार नहीं कर रहे हैं। समाधान यात्रा के दौरान उनके समर्थक भी ‘देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’ का नारा लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, बिहार में साथ-साथ सरकार चला रही आरजेडी भी सीएम की गद्दी पर अपने युवा नेता तेजस्वी यादव को बिठाने के लिए नीतीश कुमार को दिल्ली की राजनीति के लिए काबिल बताती रहती है।
राजद ने होर्डिंग लगाकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा
राजद ने पटना में होर्डिंग लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा तो इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों नरेंद्र मोदी को मात देने की भविष्यवाणी की है। इससे संबंधित एक होर्डिंग दस, सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवास के समीप, जबकि दूसरी होर्डिंग जदयू कार्यालय के बाहर लगायी गयी है। इसमें तीन कालखंडों रामायण, महाभारत व 2024 की चर्चा अलग-अलग तस्वीरों के माध्यम से की गयी है। पहले चित्र में श्रीराम को रावण के साथ युद्ध में विजयी, दूसरे चित्र में श्रीकृष्ण को कंस साथ युद्ध में विजयी तथा तीसरे चित्र में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के दलों के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं भाजपा नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर अंकित है। इसमें नीतीश कुमार के विजयी होने का उल्लेख किया गया है। यह होर्डिंग प्रदेश महासचिव, महिला राजद, बिहार, अमनौर विधानसभा, सारण (छपरा) द्वारा लगायी गयी है।