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20 साल पाकिस्तान में गुजारने के बाद अफगानिस्तान लौटे पूर्व सहयोगी अमीन-उल-हक

अमेरिकी फौज के हटने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब खूंखार आतंकी घर वापसी कर रहे हैं। अफगानिस्तान में अल-कायदा का प्रमुख नेता अमीन-उल-हक तालिबान के कब्जे के बाद नांगरहार प्रांत में स्थित अपने गृह स्थल लौट आया है। वह अलकायदा के पूर्व मुखिया ओसामा बिन लादेन का सहयोगी रहा है। लादेन को 2011 में अमेरिकी सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था। 20 साल बाद भी आर्म्स सप्लायर अमीन उल हक की लोगों के बीच लोकप्रियता कम नहीं हुई है। जैसे ही उसकी गाड़ी नांगरहार लौटी तो उसके समर्थकों ने चारों ओर गाड़ी को घेर लिया और उसका स्वागत किया साथ ही उसके साथ फोटो खिंचाने लगे। और वो कार के अंदर से ही लोगों का अभिवादन स्वीकार करता रहा। अमीन उल हक के काफिले में कुछ तालिबानी आतंकी भी शामिल थे।


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमीन ने आतंकी संगठन अलकायदा में शामिल होने से पहले 1980 के दशक में सोवियत सेनाओं के खिलाफ भी जंग लड़ी थी। वहीं 2001 की अमेरिका ने ग्लोबल आतंकवादियों की सूची जारी की थी जिसमें इस आतंकी अमीन का नाम शामिल था। वहीं इंटेलीजेंस का मानना है अमीन-उल-हक अफगानिस्तान में लौटने से अलकायदा फिर से मजबूत हो सकता है जो हो सकता है दुनिया के लिए नया खतरा होगा। वहीं अब अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना परचम लहरा दिया है, जहां देखो अफगानिस्तान में तालिबान नजर आता है। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की भूमि को आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाएगा इसमें कोई शक नहीं है, अपने खतरनाक मंसूबों को पूरा करने के लिए आतंकी संगठन फिर एकजुट हो सकते हैं। बता दें कि अमीन-उल-हक अफगानिस्तान में अल-कायदा का एक प्रमुख खिलाड़ी है। ये तोरा बोरा में ओसामा बिन लादेन के सुरक्षा प्रभारी था और 80 के दशक में उनके करीब हो गया जब उन्होंने मकतबा अखिदमत में अब्दुल्ला आजम के साथ काम किया।