हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के देहरा में मातम का माहौल है. गांव करयाडा के अमन शर्मा की साइलेंट हॉर्ट अटैक से चैन्नई में मौत हो गई. अमन शर्मा एयर फोर्स में मेडिकल अटेंडेंट के पद पर तैनात था और मृत्यु के समय उसकी ड्यूटी भी कोविड वार्ड में लगी थी. बहरहाल, माँ का रो रोकर बुरा हाल है और माँ अपने बेटे को आखिरी बार देखना चाहती है. परिजनों ने भी पीएम नरेंद्र मोदी से दुखियारी माँ की फरियाद सुनने की गुहार लगाई है.
परिजन जवान अमन शर्मा को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना महामारी से लड़ते हुए उनके बेटे की जान गई है. अमन के पिता की 8 साल पहले ही मौत हो चुकी है, वह भी बीएसएफ में तैनात थे. बड़ा भाई अब बीएसएफ में है और घटना की जानकारी मिलते ही वह फ्लाइट में दिल्ली से चैन्नई एयर फोर्स हेडक्वॉर्टर पहुंच गया है, लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत शव को चैन्नई से हिमाचल नहीं लाया जा सकता है, इसलिए अंतिम संस्कार भी वहीं होगा.ड्यूटी के दौरान मौत, कुछ घंटे पहले वीडियो कॉल की थी.
परिजनों के अनुसार, मृतक अमन शर्मा को शहीद का दर्जा दिया जाए. उनके अनुसार अमन शर्मा कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के उपचार में तैनात था. वहीं वह खुद भी कोरोना पॉजिटिव हुआ और बीती रात को ही ड्यूटी के दौरान ही अमन शर्मा को साइलेंट हार्ट अटैक हुआ और उसकी मौत हो गई. वहीं अमन शर्मा बीते 30 अप्रैल को ही अपने देहरा स्थित घर में छुट्टी काटकर ही डयूटी के लिए वापिस चैन्नई लौटा था. अमन शर्मा ने मौत से करीब 7 घंटे पहले अपनी मां सरोज कुमारी, चाचा अनू शर्मा, बुआ मन्जू शर्मा, दादा-दादी जगदीश चन्द शर्मा और सन्तोष कुमारी से करीब एक घन्टा व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर बात की थी.
अमन शर्मा के सगे चाचा अनू शर्मा और ताया रक्षपाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अमन शर्मा 30 अप्रैल को ही अपने घर करियाडा से छूटी काट कर वापिस गया था. वहां उसे कोरोना पॉजिटिव सैनिकों के उपचार में तैनात किया गया था. लेकिन रविवार रात करीब साढे 11 बजे अमन शर्मा वहां कोविड-19 वार्ड के मरीजों को दवाई व इंजेक्शन देने के बाद जैसे ही वापिस अपनी सीट पर बैठने के लिए वापिस आ रहा था तो अचानक उसे साईलेंट हार्ट अटैक आ गया. उसके बाद वह जमीन पर गिर गया. इस दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सोमवार सुबह मृतक अमन शर्मा का कोविड टेस्ट किया गया जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.