उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल स्थानीय निकाय के चुनाव के मद्देनजर राज्य के सभी संवेदनशील जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनात करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बी भी नागरत्न और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अवकाशकालीन पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 13 और 15 जून के आदेशों को न्याय संगत बताते हुए उनकी पुष्टि की जबकि राज्य सरकार और पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग की विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज कर दी। पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई, 2023 को पंचायत चुनाव होने वाले हैं।
इस चुनाव में हिंसा की खबरों और आशंकाओं के मद्देनजर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी के अलावा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने 13 जून को आयोग से संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अनुरोध भेजने को कहा था। इसके बाद 15 जून को उच्च न्यायालय ने 48 घंटे के भीतर सुरक्षाबलों को तैनात करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 13 और 15 जून के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई करने की राज्य चुनाव आयोग की गुहार म सोमवार को स्वीकार करते हुए मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की अनुमति दी थी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ के समक्ष आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने सोमवार को विशेष उल्लेख के दौरान तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई थी। पीठ ने याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करने की सहमति व्यक्त की थी।
पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में अलग-अलग चुनौती दी थी।