Breaking News

संजय राउत का फडणवीस पर पलटवार, हनुमान चालीसा विवाद पर सुनाई खरी-खरी

महाराष्ट्र (Maharashtra) से शुरू हुआ हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) पर पलटवार किया है. संजय राउत ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए किसी को सजा नहीं दी गई है.

संजय राउत ने फडणवीस पर बोला हमला
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस लोगों को गुमराह कर रहे हैं. हनुमान चालीसा का पाठ करने पर किसी को सजा नहीं दी गई है. अगर कोई इसका पाठ करना चाहता है तो वह अपने घरों या मंदिरों में कर सकता है. किसी और के घर में घुसने और हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए शांति भंग करने की कोशिश करना गलत है.

बीजेपी ने किया था सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार
बीजेपी ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से संबंधित निर्देशों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को महाराष्ट्र के गृह विभाग की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया और पूछा कि क्या राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के पास इस पर कोई निर्णय लेने का अधिकार है जब बैठक में मुख्यमंत्री मौजूद न हों.

फडणवीस ने उद्धव सरकार से पूछा था ये सवाल
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर महाराष्ट्र की निंदा की. हनुमान चालीसा से संबंधित विवाद के बीच राणा दंपति के खिलाफ राजद्रोह, दुश्मनी को बढ़ावा देने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. फडणवीस ने आरोप लगाया कि मुंबई में जो कुछ भी हो रहा है वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इशारे पर हो रहा है.

उन्होंने कहा, ‘अगर महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा का पाठ करना राजद्रोह है तो हममें से हर कोई उस अपराध को करने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार जिस तरह का व्यवहार कर रही है वह राज्य के लिए शर्मनाक है. हनुमान चालीसा का पाठ महाराष्ट्र में किया जाना चाहिए या पाकिस्तान में?’

फडणवीस ने कहा कि लाउडस्पीकर मुद्दे पर उनकी पार्टी का रुख बहुत साफ है कि इस मामले में अदालतों द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. पहले हम पूरे नवरात्र में जागते थे, गरबा खेलते थे और भजन बजाते थे. गणेश चतुर्थी पर मध्यरात्रि तक कार्यक्रम होते थे. सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई, हमने उसका सख्ती से पालन किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाना चाहिए.