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शनिवार को विश्वासमत का सामना करेंगे इमरान खान, ‘लोकतंत्र के मजाक’ पर विपक्ष को घेरा

पाकिस्तान में हुए सीनेट के चुनाव (Pakistan Senate Election) में सबसे चर्चित सीट हारने के बाद सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) मुश्किल में फंस गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से विपक्ष ने इस्तीफा देने के लिए कहा है. इस बीच इमरान खान अब शनिवार को विश्वासमत का सामना करेंगे. सीनेट में एक कड़े मुकाबले में वित्त मंत्री के चुनाव हारने के बाद (Pakistan Senate Election Results) इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि वह अपनी सरकार की वैधता साबित करने के लिए शनिवार को विश्वासमत का सामना करेंगे.

खान ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान यह घोषणा की. साथ ही ‘लोकतंत्र का मजाक बनाने’ के लिए महागठबंधन की आलोचना की और कहा कि वह भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे. वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को बुधवार को सीनेट चुनाव में मिली हार के मद्देनजर अपनी सरकार की वैधता को बरकरार रखने के लिए विश्वासमत हासिल करने से पहले खान ने यह संबोधन दिया था. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (Pakistan Democratic Movement) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी (Pakistan Democratic Movement) ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Abdul Hafeez Shaikh) के उम्मीदवार शेख को हराकर प्रधानमंत्री खान को एक बड़ा झटका दिया था, जिन्होंने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रचार किया था.

विश्वासमत पर इमरान ने क्या कहा?

पीडीएम खान की सरकार को गिराने के लिए पिछले साल सितंबर में गठित 11-दलीय गठबंधन है. क्रिकेटर से नेता बने 68 वर्षीय खान ने कहा, ‘मैं परसों (शनिवार) विश्वासमत हासिल करूंगा. मैं अपने सदस्यों से यह दिखाने के लिए कहूंगा कि उनका मुझ पर विश्वास है. अगर वे कहते हैं कि उन्हें कोई भरोसा नहीं है, तो मैं विपक्षी बेंच पर बैठूंगा.’ खान ने कहा, ‘अगर मैं सरकार से बाहर होता हूं, तो मैं लोगों के पास जाऊंगा और उन्हें देश के लिए अपना संघर्ष जारी रखने के लिए कहूंगा. मैं इन गद्दारों (जिन्होंने देश को लूटा है) को शांति से नहीं बैठने दूंगा. मैं उन्हें गद्दार कहता हूं क्योंकि वे लुटेरे हैं.’

पीटीआई के 157 सदस्य

342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में खान की पार्टी के 157 सदस्य हैं. निचले सदन में विपक्षी पीएमएल-एन और पीपीपी के क्रमशः 84 और 54 सदस्य हैं. राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) को शनिवार को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने के लिए कहा गया है. साथ ही सत्तारूढ़ दल और उसके सहयोगियों के सदस्यों को शनिवार को इस्लामाबाद में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं. इस बीच प्रधानमंत्री खान ने सीनेट चुनाव का उल्लेख करते हुए इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उन्होंने सीनेटर बनने के लिए अन्य को रिश्वत देने के आरोप भी लगाए हैं.

सांसदों की खरीद-फरोख्त का आरोप

खान ने सांसदों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते हुए पाकिस्तान में लोकतंत्र का मजाक बनाने की बात भी कही. इमरान खान ने 2018 के उस दौर को भी याद किया, जब उनकी पार्टी के 20 सांसदों ने पैसे लेकर अपना वोट कथित तौर पर बेच दिया था. प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग पर चुनाव में भ्रष्टाचार को रोक पाने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया (Pakistan Senate Elections). गौरतलब है कि गिलानी की जीत के बाद कई विपक्षी नेताओं ने खान की भारी आलोचना की और मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. परिणाम घोषित होने के कुछ घंटे बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वासमत हासिल करने का फैसला किया है.