राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को यूपी से अधिकतम वोट दिलाने के लिए अखिलेश यादव सक्रिय हो गए हैं। उनकी कोशिश है कि उनके व सहयोगी दलों के सभी सांसद व विधायक पूरी एकजुटता के साथ उनके लिए वोट करें। इसलिए अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय में शुक्रवार को अपने सभी सांसदों व विधायकों की बैठक बुलाई है।
सपा व सहयोगी दलों को मिला कर 125 विधायक हैं, सहयोगी दल रालोद, निर्दलीय मिला कर सपा के राज्यसभा में पांच सांसद हैं। लोकसभा में अभी तीन सांसद हैं। दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। सपा इन्हें जीतेगी तो पांच सांसद रहेंगे। यूपी में एक विधायक का मूल्य 208 है और सांसद का मूल्य 700 है। इस तरह सपा व सहयोगी दलों को मिला कर उनके मतों का मूल्य 26000 है। सांसदों का मूल्य इसमें शामिल नहीं है।
असल में अखिलेश यादव के लिए ज्यादा जिम्मेदारी है कि वह यशवंत सिन्हा को विपक्ष के अधिक से अधिक वोट दिलाएं। पूर्व केंद्रीय मंत्री तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं और सपा का तृणमूल कांग्रेस से बेहतर रिश्ते हैं। यही नहीं यशवंत सिन्हा के अखिलेश यादव से भी अच्छे संबंध हैं और वह कुछ समय पहले सपा मुख्यालय भी आए थे। इस नाते भी अखिलेश यादव उनके लिए खासे सक्रिय हो गए हैं। सपा के लिए असली चुनौती यह भी है कि उसके विधायकों की पूरी तरह एकजुटता रहे। पिछली बार राष्ट्रपति चुनाव में सपा के एक दो विधायक एनडीए उम्मीदवार के समर्थन कर गए थे। चूंकि मतदान गुप्त होता है, इसलिए यह पता लगाना संभव नहीं हो पाता कि किसने किसको वोट दिया।