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विजयदशमी पर योगी ने भरी हुंकार, जब तक श्रीराम कथा घर-घर में होगी, कोई बाल भी बांका नहीं कर सकेगा

धर्म केवल उपासना विधि ही नहीं, एक प्रेरणा है। इससे हम सभी लोग जुड़े हुए हैं। यहा बातें गोरखपुर के मानसरोवर रामलीला मैदान में दशहरे के अवसर पर भगवान राम के राज्याभिषेक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने कहा कि जब तक श्रीराम कथा का पान घर-घर में होगा देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि 500 सालों से अयोध्या में गुलामी के जिन बादलों ने अपमानित करने का कार्य किया था वो आज सब छंटते गये। आज अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण युद्ध स्तर पर हो रहा है। आज भारत में रामन्दिर के निर्णय के बाद भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है।

सीएम ने कहा कि विजयदशमी के पर्व पर देश दुनिया मे जो भारतीय है वो आज के इस आयोजन को हर्षोल्लास के साथ अपने घर मे मनाता है। आप सबको विजयदशमी की हार्दिक बधाई देता हूं. युगों पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अत्याचार के प्रतीक रावण का वध किया था और इस घटना के साक्षी हम रामलीला आयोजन के जरिये बनते हैं। अपने जीवन का हिस्सा मानकर निरन्तर उस पथ का अनुसरण करने का प्रयास करते हैं जो श्रीराम ने युगों पूर्व किया था। रामलीलाओं का आयोजन सन्त तुलसीदास ने मध्यकाल में किया था। उस कालखण्ड में राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने का प्रयास उन्होंने किया था।

गोरक्षपीठ की परंपरा मानसरोवर मन्दिर में भगवान मानसरोवर का अभिषेक करने के उपरांत यहां आकर श्रीराम का राजतिलक करने की परंपरा से जुड़ी हुई है। यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से पीठ के महंत करते आये हैं। चेहरे बदलते गए पर रामलीला का मंचन इसी तरह से पीढ़ियों से होता आया है। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम, मां विंध्यवासिनी धाम एक नए स्वरूप में आगे बढ़ रहा है। श्रीराम भारत के परम्परा में धर्म के प्रतीक हैं। धर्म के जो भी गुण है वो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम में दिखाई देते हैं।

नेतृत्व के प्रति निष्ठा पर मिलती है सफलता

सीएम ने कहा कि पूरा भारत श्रीराम के साथ अपने आपको जोड़कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। हम जिसकी पूजा करते हैं उनके अनुरूप बनने का प्रयास करना चहिए। केवल विचार से नही बल्कि आचरण से भी श्रीराम के आचरण को स्वीकार करना चहिए। उन्होंने कहा कि भाई, पिता पुत्र, मां पुत्र, पति पत्नी के बीच अगर कोई विवाद की स्थित है तो हमें श्रीराम के अदर्श का हमे स्मरण करना चाहिए। लोक कल्याण के लिए प्रदेश की भलाई के लिए हम मर्यादा पुरूषोत्तम के आदर्श पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। हमने गरीब- अमीर में भेद नही किया। समाज में सभी एक समान हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां नेतृत्व के प्रति निष्ठा होती है, वहां सफलता भी सुनिश्चित होती है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की कथा से भी यही संदेश मिलता है. आज नए भारत का नया उत्तर प्रदेश प्रभु श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण कर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हर एक क्षेत्र में विकास की बुलंदियों को छू रहा है। त्रिलोक विजयी रावण, जिससे इंद्र भी थर्राते थे, को श्रीराम ने वानर, भालू और वनवासी समाज की सेना को साथ लेकर परास्त किया। इस सेना ने श्रीराम के नेतृत्व के प्रति अटूट निष्ठा के साथ सभी आदेशों का अक्षरशः पालन कर सफलता का नया आदर्श प्रस्तुत किया। यह प्रमाण है कि सात्विक नेतृत्व में बड़ी से बड़ी ताकत को पराजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आमजनमानस में नेतृत्व की नीति में कोई खोट नजर नहीं आती है तो सफलता अवश्य मिलती है. अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण इसी का द्योतक है।