भारत और चीन के बीच लद्दाख इलाके में व्याप्त तनाव के बीच आज चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के आसपास भारत से जुड़े बॉर्डर के पास हेलिकॉप्टरों की हलचल तेज़ कर दी है। सूत्रों की मानें, तो इन हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल लद्दाख के पास इकट्ठा हुए चीनी सैनिकों की मदद करने में किया जा रहा है। 8-10 दिन से बॉर्डर पर दोनों देशों की ओर से हलचल बढ़ी है, ऐसे में चीन लगातार अपनी ताकत को उस ओर मजबूत करता दिख रहा है। इसी बीच ताजा गतिरोध के बीच सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि चीनी सेना ने पिछले साल के मध्य में पैंगोंग शो झील से 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में अपनी मोर्चाबंदी तेज कर दी थी। इसके तहत सैन्य ठिकाने का आधुनिकरण शुरू कर दिया गया था।
इसके बाद कोरोना महासंकट में भारत को फंसा देख चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर दी। ये तैयारी ‘कारगिल’ जैसी घुसपैठ की तैयारी जैसी थी। उधर, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच एक माह से भी अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सैन्य गतिरोध दूर करने के उपायों पर चर्चा के लिए दोनों सेनाओं के बीच शनिवार को चीन की मोल्डो सीमा चौकी पर हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता के बाद आज राजनाथ सिंह ने अपने निवास पर बैठक में जनरल रावत से समूचे परिदृश्य पर जानकारी ली और स्थिति का जायजा लिया।
शनिवार को हुई बैठक के बाद सूत्रों ने कहा था कि सेना के शीर्ष नेतृत्व की ओर से सरकार को चीन के साथ हुई बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी और इसके बाद आगे की योजना पर काम किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा था कि इस बैठक में दोनों पक्षों ने इस मुद्दे को विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के आलोक में शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमति व्यक्त की। मंत्रालय के वक्तव्य में यह भी संकेत दिया गया कि इस मामले के समाधान का फॉर्मूला अभी नहीं बन पाया है और इसके लिए दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।