राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) से पहले मंगलवार का दिन अहम साबित हो सकता है। राष्ट्रपति उम्मीदवार (presidential candidate) को लेकर भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक (BJP parliamentary board meeting) बुलाई गई है। मंगलवार को होने वाली इस बैठक में सभी बड़े नेता उपस्थित रहेंगे। इसी बैठक के बाद एनडीए के उम्मीदवार का ऐलान हो सकता है। वहीं विपक्षी दलों (opposition parties) ने भी मंगलवार को भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम फाइनल करने के लिए बैठक बलाई है। यह बैठक भी दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
तीन संभावित उम्मीदवारों ने किया था इनकार
राष्ट्रपति पद के लिए तीन संभावित उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने से इनकार करने के साथ विपक्षी दलों के नेता 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार का नाम तय करने को लेकर मंगलवार दोपहर दिल्ली में फिर से बैठक करेंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के इनकार के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
शरद पवार करेंगे बैठक की अध्यक्षता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ गठजोड़ को और मजबूत करने की उम्मीद के बीच पवार मंगलवार को 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कोलकाता में कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनाने का सुझाव दिया है।
कब होंगे चुनाव?
भाजपा भी 18 जुलाई को होने वाले 16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार के बारे में चुप्पी साधे हुए है। चुनाव के नतीजे 21 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। महात्मा गांधी के परपोते और सी राजगोपालाचारी के परनाती गोपालकृष्ण गांधी (77) ने एक बयान में कहा कि विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राष्ट्रपति पद के आगामी चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार बनने के लिए उनके नाम पर विचार किया जो उनके लिए सम्मान की बात है। गांधी ने कहा, ‘‘मैं उनका अत्यंत आभारी हूं। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति पैदा करे।’’