शिवसेना सांसद संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना के लिए अपने साप्ताहिक कॉलम में विभिन्न राज्यों में रामनवमी पर हुई हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश के खरगोन में जो हुआ उससे भगवान राम भी बेचैन होंगे। उन्होंने लाउडस्पीकर विवाद पर भी बात की है। राउत ने लिखा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे की धमकी के बाद राज्य के हालात पर नजर है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से सभी लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर मनसे ने हनुमान चालीसा का पाठ कराने की बात कही है।
जेएनयू की घटना और रामनवमी के मौके पर हिंसा की अन्य घटनाओं के बारे में बात करते हुए राउत ने कहा कि यह देश के लिए अच्छा संकेत नहीं है। रामनवमी के जुलूस हमेशा से देश की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इससे पहले कभी भी भगवान राम के नाम पर तलवारें नहीं चलाई गईं। उन्होंने कहा, “इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता। भगवान राम के नाम पर सांप्रदायिक आग लगाना राम के विचार का अपमान है।” संजय राउत ने लिखा, “क्या कोई विश्वास कर सकता है कि मुसलमान गुजरात में रामनवमी जुलूस पर पत्थर फेंकेंगे, वो भी पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में? अगर शिवसेना मुंबई में हिंदुत्व जुलूस का आयोजन करती है, तो उस पर कोई हमला नहीं होता है। लेकिन अगर भाजपा या उसकी बी-टीम इस तरह के जुलूस का आयोजन करती है, तो निश्चित रूप से ऐसी अप्रिय घटनाएं होंगी। ऐसा लगता है कि यह सब सुनियोजित होता है।”
मालूम हो कि मनसे ने राउत को धमकी दी है। पार्टी ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के दफ्तर के बाहर पोस्टर चस्पा किए हैं। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य सरकार को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की धमकी दी है। इधर, महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल सभी दल ठाकरे की मांग के खिलाफ खड़े हो गए हैं। पोस्टर पर लिखा है, “ओवैसी किसको बोला? संजय राउत अपना लाउडस्पीकर बंद कर लो। पूरे महाराष्ट्र को इससे परेशानी हो रही है, नहीं तो हम आपका लाउडस्पीकर मनसे के तरीके से बंद करेंगे।”