राजधानी दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अकबर रोड स्थित आवास पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार सहित तीनों सेनाओं के अन्य वरिष्ठ कमांडर्स और डिपार्टमेंट आफ मिलिट्री अफेयर्स के अधिकारियों के साथ ‘अग्निपथ योजना’ की समीक्षा कर रहे हैं. इस रिव्यू मीटिंग में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे नहीं शामिल हैं, क्योंकि वह वायुसेना की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने के लिए हैदराबाद के डूंडीगल में हैं. बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर मौजूद हैं.
सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की नई योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर देश के कई राज्यों में तीन दिनों तक हिंसक प्रदर्शन हुआ. बिहार में सबसे ज्यादा आगजनी और तोड़फोड़ हुई. यह योजना 14 जून को घोषित की गई थी, उसके अगले दिन से ही अलग-अलग राज्यों में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए. ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर विरोध की लपटें धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता देख, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘अग्निपथ स्कीम’ को लेकर शनिवार को समीक्षा बैठक करने का आश्वासन दिया था.
इससे पहले उग्र प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना समेत करीब 11 राज्यों के युवा ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया. रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की, रेलवे ट्रैक और हाईवे जाम कर दिए गए. बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में तोड़फोड़ की गई. बिहार में भाजपा कार्यालयों में आग लगा दी गई, नेताओं और पदाधिकारियों के घरों पर पत्थरबाजी हुई. कई दर्जन ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ.
इस बीच गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है. और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी. इससे पहले ‘अग्निपथ योजना’ के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयुसीमा में इस वर्ष के लिए छूट दी गई थी और उसे 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष किया गया था, जिससे बीते 2 साल से कोरोना महामारी के कारण सैन्य भर्ती नहीं होने के कारण ओवरएज हुए युवा समायोजित किए जा सकें.