उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट को देखते हुए सभी बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों को छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। उनसे चौबीसों घंटे सेवा के लिए उपलब्ध रहने को कहा गया है। राज्य के उर्जा मंत्री ए.के.शर्मा ने माना है कि कुछ वजहों से बिजली को लेकर थोड़ी समस्या है लेकिन उन्होंने जोड़ा कि बेहतर बिजली सप्लाई के लिए वचनबद्ध है और जल्द ही स्थिति को संभाल लिया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अतिशय गर्मी पड़ने के कारण बिजली की मांग लगभग डेढ़ गुना बढ़ गई है। पिछले तीन-चार सालों का औसत देखें तो 17-18 हजार मेगावाट बिजली की मांग होती थी जो अब बढ़कर 22 हजार मेगावाट से ऊपर पहुंच चुकी है। वर्तमान में दो-तीन कारणों से हम थोड़ी समस्या में हैं। उसका पहला कारण यह है कि हमारे कई संयंत्र जो थर्मल पावर स्टेशन थे। जहां से बिजली उत्पादन होता था, उनमें तकनीकी कारणों से कुछ गड़बड़ियां आ गईं। ब्वॉयलर में लीकेज की समस्या आ गई। सप्ताह का अंत है। शनिवार, रविवार की छुट्टियां फिर ईद की छुट्टी है। हमने अपने अधिकारियों-कर्मचारियों से अपील की है कि इस बार छुट्टी न मनाएं। अपने ड्यूटी स्थल पर चौबीसों घंटे उपलब्ध रहें।
प्रदेश भर में पड़ रही भीषण गर्मी
गौरतलब है कि पूरे उत्तर प्रदेश में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को पिछले तीन दशक का यह सबसे गर्म दिन था। वहीं, लखनऊ में पिछले 23 वर्षों में 29 अप्रैल का दिन सबसे गर्म दिन रहा और यहां पारा 45.1 डिग्री दर्ज किया गया। अन्य जिलों का भी हाल बेहाल है। प्रयागराज, कानपुर, झांसी और आगरा समेत प्रदेश के करीब दर्जन भर जिलों में पारा 45 डिग्री या इससे ऊपर है। तापमान बढ़ने के साथ ही राज्य में बिजली संकट गहरा गया है।
सीएम का आदेश-हर हाल में शिड्यूल के हिसाब से दें बिजली
हर हाल में सभी क्षेत्रों को शिड्यूल के मुताबिक बिजली दी जाए। बाहर से बिजली खरीदने की जरूरत है तो खरीदी जाए। बिजली उत्पादन केंद्रों को कोयला समय से मिलता रहे इसके लिए भी निरंतर प्रयास करें।