रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी कब्जे वाले यूक्रेन के 4 बड़े इलाकों में मार्शल लॉ घोषित कर दिया है. पुतिन ने इसी के साथ रूस के सभी क्षेत्रों के प्रमुखों को अतिरिक्त आपातकालीन शक्तियां भी प्रदान कर दी हैं.
पुतिन ने मार्शल लॉ के तहत उठाए जाने वाले कदमों को तत्काल स्पष्ट नहीं किया, लेकिन कहा कि उनका आदेश आज गुरुवार से प्रभावी होगा. उन्होंने अपने आदेश में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को विशिष्ट प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय दिया है. इस दौरान रूस की सेना ने अपने कब्जे वाले इलाकों को आम लोगों से खाली करा लिया.
दक्षिणी शहर खेरसॉन में यूक्रेन के जवाबी हमले के साथ ही 2,50,000 से अधिक लोगों, उद्योगों और एक प्रमुख बंदरगाह वाले शहर में यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई सर्दियों में भी जारी रहने की आशंका है.
सुरक्षा परिषद की बैठक की शुरुआत में पुतिन ने टेलीविजन पर कहा, ‘हम रूस की सुरक्षा और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए, अपने लोगों की रक्षा के लिए बहुत कठिन चीजों को हल करने के वास्ते काम कर रहे हैं. जो लोग अग्रिम पंक्ति में तैनात हैं या फिर फायरिंग रेंज और प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें हमारे समर्थन को महसूस करना चाहिए और यह जानना चाहिए कि उनके पीछे हमारा बड़ा, महान राष्ट्र और एकजुट लोग हैं.’
रूस की संसद के ऊपरी सदन ने चार क्षेत्रों में मार्शल लॉ लागू करने के पुतिन के फैसले पर तुरंत मुहर लगा दी. यह मौजूदा कानून बताता है कि इसमें यात्रा और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध, सख्त सेंसरशिप और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए व्यापक अधिकार शामिल हो सकते हैं.
हालांकि पुतिन ने अपने इस आदेश के तहत रूसी क्षेत्रों के प्रमुखों को दी जाने वाली अतिरिक्त शक्तियों का विवरण भी नहीं दिया. लेकिन जब उन्होंने ये कहा कि मौजूदा स्थितियों में वो सभी रूसी क्षेत्रों के प्रमुखों को अतिरिक्त शक्तियां देना जरूरी समझते हैं, तब से लोगों में दहशत का माहौल है और इसलिए वो इलाके को छोड़कर भाग रहे हैं.
रूसी नेता ने यूक्रेन में लड़ाई के मद्देनजर विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए एक समन्वय समिति की स्थापना का भी आदेश दिया, जिसे उन्होंने विशेष सैन्य अभियान करार दिया. सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए-नोवोस्ती के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन के आदेश से रूस की सीमाओं को बंद करने का अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए.
खेरसॉन के एक नागरिक ने फोन पर बताया कि उसने रूसी सेना का काफिला शहर से निकलते हुए देखा है. उसके मुताबिक, इस दौरान हजारों लोगों को बसों और अन्य वाहनों में सवार होने के लिए लाइनों में खड़े हुए देखा गया है. डर के माहौल में जी रहे लोगों ने एक साथ कहा, ‘यह कोई संगठित निकासी नहीं बल्कि हमारा डर है. हम राशन की दुकानों में बचा हुआ सारा सामान स्टोर करने के साथ खेरसॉन पोर्ट की ओर भाग रहे हैं. जहां हजारों लोग पहले से जाने के लिए नंबर आने का वेट कर रहे हैं. ऐसे ज्यादातर लोग सरकारी कर्मचारी या फिर बच्चों और बुजुर्गों वाली फैमिली हैं जो हर हाल में यहां से निकलना चाहते हैं. हम सभी विस्फोटों, मिसाइलों और शहर की संभावित नाकेबंदी की चर्चाओं से लोग सहम गए हैं.’