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युद्ध के बीच युक्रेन में सेना भर्ती को लेकर नए कानून लागू, डॉक्टर से हाथ-पैर तुड़वा रहे हैं लोग

रूस के साथ जंग (War with Russia)के बीच यूक्रेन(Ukraine) में एक अजीब ट्रेंड (Strange Trend)देखने को मिल रहा है। यहां बहुत सारे लोग डॉक्टर(Doctor) से अपने हाथ-पैर तोड़वा(break hands and feet) रहे हैं। इसके अलावा टेलिग्राम पर कई विज्ञापन भी दिखाई दे रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि डॉक्टरों की निगरानी में फ्रैक्चर किया जाएगा। दरअसल यूक्रेन में सेना में भर्ती को लेकर नए कानून बनाए गए हैं। रूस से जंग के बीच यूक्रेन सैनिकों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में सेना में सेवा देने की आयु को 27 साल से घटाकर 25 साल कर दिया गया है। वहीं सेना में सेवा देने से बचने के लिए हथकंडे अपनाने वालों की सजा भी बढ़ा दी गई है।

टेलीग्राम पर चलने वाले विज्ञापनों में दावा किया जा रहा है कि सेना में जाने से बचने के लिए अच्छे मेडिकल प्रोफेशनल हाई क्वालिटी एनस्थीसिया देकर फ्रैक्चर किया जाएगा। आरटी की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें यह भी कहा गया है कि इंजुरी के बाद भी पूरी देखभाल की जाएगी और अगर एक फ्रैक्चर पर्याप्त नहीं होगा तो डिस्काउंट रेट पर दूसरी चोट का भी इंतजाम किया जाएगा। इस तरह के ऐड डनेपर शहर के कई टेलिग्राम चैनलों पर दिखाई दिए थे। हालांकि बाद में इन्हें हटा भी लिया गया।

अप्रैल महीने में सेना में भर्ती को लेकर यूक्रेन ने नए कानून बनाए थे। इसके तहत सेना में सेवा देने वालों को बोनस, कैश, घर और कार देने का भी प्रावधान किया गया है। कई महीनों की बहस के बाद संसद में बिल पास हो पाया। इसके तहत यूक्रेन ने सेना में सेवा देने की उम्र को 27 से घटाकर 25 साल कर दिया। इसके अलावा कैदियों को भी सेना में भर्ती होने का ऑफर दिया गया है। वहीं जो लोग सेना में सेवा देने से बचने के लिए फ्रॉड करेंगे उनपर जुर्माना पांच गुना बढ़ा दिया गया है।

कानून में यह भी कहा गया है कि सेना में सेवा देने की उम्र में किसी का यूक्रेन से जाने की अनुमति नहीं होगी। पहले 18 से 60 साल के वे लोग जो किसी अन्य देश के स्थायी सदस्य होते थे उन्हें विदेश जाने का अधिकार होता था। अब उनपर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार से अनुमति या फिर स्वास्थ्य कारणों के अलावा अब उन्हें भी देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रूस के साथ युद्ध शुरू होने के बाद पहले तो बहुत सारे लोग अपनी इच्छा से सेना में भर्ती हो रहे थे। हालांकि थोड़े दिन में ही यह संख्या कम होने लगी। युद्ध के दो साल पूरे होने के बाद रूस ने पूर्वी मोर्चे पर सैनिकों की संख्या 10 गुनी कर दी है। वहीं यूक्रेन के सेना में मैन पावर कम हो गई है।