ईरान में महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत (Death) के बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. अमीनी की मौत के 40 दिन पूरे होने पर हजारों की संख्या में लोग उनके होमटाउन सक्केज में इकठ्ठा हुए थे, जहां लोगों ने महसा अमीनी की कब्र के पास उन्हें याद किया, इस दौरान पुलिस बलों के साथ लोगों की झड़प भी हुई. कई झड़पों के बाद, सुरक्षा कारणों से इलाके में इंटरनेट सेवा को काट दिया गया था.
समाचार एजेंसी ISNA ने बुधवार को बताया, “महसा अमीनी के स्मारक पर मौजूद लोग सक्केज के बाहरी इलाके में पुलिस बलों के साथ भिड़ गए. अमीनी को सम्मान देने के लिए 10 हजार से भी ज्यादा लोग शामिल हुए. ईरान के धार्मिक संस्कार के अनुसार मौत के 40 दिन बाद उनकी शहादत को याद किया जाता है, जिसे चेहलम कहा जाता है. यह एक शिया धार्मिक अनुष्ठान है. यह मोहम्मद साहब के पोते अल-हुसैन इब्न अली की शहादत की याद दिलाता है, जो मुहर्रम के महीने के 10वें दिन शहीद हुए थे.
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, सक्केज में इकट्ठा होने वाले लोग देशभर से आए थे. हजारों की संख्या में भारी भीड़ जमा थी. कई लोगों ने “महिला, जीवन, स्वतंत्रता” के नारे लगाए, जो पूरे ईरान में प्रदर्शनों में व्यापक रूप से उपयोग किए गए हैं. सप्ताह भर तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन सबसे पहले उत्तर-पश्चिमी कुर्दिस्तान प्रांत के सक्केज में शुरू हुए थे. उसके बाद वे देशभर में तेजी से फैल गए. 16 सितंबर से जारी इस प्रदर्शन के दौरान, ईरानी अधिकारियों ने आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन माना जाता है कि कई दर्जन विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया.
बता दें कि 22 साल की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में दर्दनाक मौत हुई थी. दरअसल महसा, ईरान के महिला ड्रेस कोड के खिलाफ थीं, वह बिना हिजाब के घूमती थीं. जिस कारण पुलिस ने 13 सितंबर को हिरासत में लेकर उन्हें प्रताड़ित किया और अब वह इस दुनिया में नहीं रहीं. ईरान में अमीनी की मौत के बाद व्यापक प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने अपने बाल काटे और हिजाब जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया, और यह अब भी जारी है.