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बिजली संकटः मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 657 पैसेंजर ट्रेनें की रद्द, जानिए कारण

मोदी सरकार (Modi government) ने 657 पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया है ताकि थर्मल पावर प्‍लांट्स (Thermal Power Plants) तक कोयले के रैक जल्‍द पहुंच सकें और बिजली संकट दूर हो. बिजली की सबसे अधिक डिमांड (Highest demand for electricity) और कोयले की कमी (shortage of coal) के कारण देश में पैदा हुए बिजली संकट को दूर करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इन दिनों तेज धूप और गर्मी के बीच उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, पंजाब, हरियाणा, मध्‍यप्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्‍तराखंड, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और गुजरात में लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।

देश भर में थर्मल पावर स्‍टेशनों तक कोयले की तुरंत पहुंच बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पैसेंजर ट्रेनों का रद्द करने का निर्णय लिया है. इसमें पैसेंजर ट्रेनों के रद्द होने से कोयले से भरे रैक वाली मालगाड़ियों को जल्‍द रास्‍ता मिलेगा और वे थर्मल पावर स्‍टेशनों तक की दूरी कम समय में पूरी कर सकेंगी. कोयले की कमी के कारण कई राज्‍यों में बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी के इस मौसम में बिजली का चले जाना, लोगों की परेशानी का कारण बन रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

रद्द ट्रेनों की सूची इस प्रकार है.

 

 

देश के कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वर्तमान में हालात स्थिर बने हुए हैं. हमारे पास करीब 30 लाख टन का स्‍टॉक कोयला है, जबकि थर्मल पावर प्‍लांट के पास 21 मिलियन टन कोयला भंडार में है. उन्‍होंने बताया कि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण गैस की आपूर्ति ठप हो चुकी है. ऐसे में भीषण गर्मी के दौर में डिमांड अधिक हो गई है. हालांकि वर्तमान में 2.5 बिलियन यूनिट की दैनिक खपत को देखते हुए करीब 3.5 बिलियन यूनिट बिजली का उत्‍पादन हो रहा है. इधर एनटीपीसी ने भी कहा है कि दादरी की सभी 6 यूनिट और ऊंचाहार की 5 यूनिट पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं. कोयले की सप्‍लाई भी निरंतर मिल रही है।