पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा में शनिवार को झारखंड (Jharkhand) के कांग्रेस पार्टी के तीन विधायकों (three Congress MLAs ) की गाड़ी से भारी मात्रा में कैश (Huge amount of cash) मिलने की खबर से हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने करीब 48 लाख रुपये बरामद (Rs 48 lakh recovered) किए हैं। पुलिस ने खुफिया सूचना मिलने के बाद चेकिंग के लिए गाड़ी रोकी थी। कैश की गिनती के लिए काउंटिंग मशीन भी मंगाई गई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी, खिजरी के विधायक राजेश कच्छप और कोलेबिरा के विधायक नमन बिक्सल कोंगारी ने पूछताछ में बताया है कि ये पैसे साड़ी खरीदने के लिए थे। विधायकों ने पूछताछ में बताया है कि यह साड़ियां नौ अगस्त को आदिवासी दिवस के दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम में बांटी जानी थीं। तीनों विधायक साड़ियां खरीदने के लिए ही कोलकाता आए थे। शनिवार को तीनों विधायक कोलकाता से मंदारमणि जा रहे थे। रविवार को वापस कोलकाता आकर बड़बाजार से साड़ी खरीदने की योजना थी।
हालांकि पुलिस यह समझ नहीं पा रही है कि विधायकों ने साड़ी शनिवार को ही क्यों नहीं खरीदी। वह शनिवार को ही साड़ी खरीदकर मंदारमणि होते हुए वापस झारखंड जा सकते थे। जिस गाड़ी से पैसे बरामद हुए उस पर विधायक का बोर्ड लगा था। गाड़ी का नंबर JH09AQ0016 है। पैसे गाड़ी की पिछली सीट पर रखे गए थे। विधायकों को पांचला थाना ले जाया गया है, जहां एक कमरे में विधायकों से पूछताछ की गई है।
विधायकों की मेडिकल जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी पांचला थाना पहुंची। एक कमरे में पैसों की गिनती की गई। पुलिस को तीनों विधायक पैसों का स्रोत नहीं बता पाए। पुलिस कई कोणों से मामले की जांच कर रही है। पुलिस पिछले करीब छह घंटों से तीनों विधायकों से पूछताछ कर रही है। वहीं मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा में वाकयुद्ध शुरू हो गया है।
हावड़ा (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हमारे पास विशिष्ट इनपुट था कि एक कार में बड़ी मात्रा में धन ले जाया जा रहा था। हमने वाहनों की जांच शुरू कर दी और इस कार को रोका, जिसमें तीन विधायक यात्रा कर रहे थे। वाहन में भारी मात्रा में नकदी मिली।
भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ उजागर हुआ : जयराम रमेश
बंगाल के हावड़ा में कांग्रेस के तीन विधायकों के पास नकदी बरामद होने के मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट के माध्यम से भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि झारखंड में भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ आज की रात हावड़ा में बेनकाब हो गया। दिल्ली में ‘हम दो’ का गेम प्लान झारखंड में वही करने का है जो उन्होंने महाराष्ट्र में एकनाथ-देवेंद्र (E-D) की जोड़ी से करवाया।
एसपी स्वाति भंगालिया ने बताया कि हमने झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों को भारी मात्रा में नकदी के साथ पकड़ा है। विधायकों की पहचान जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी, खिजरी के विधायक राजेश कच्छप और कोलेबिरा के विधायक नमन बिक्सल कोंगारी के रूप में हुई है। इनकी गाड़ी को पांचला थाना क्षेत्र के रानीहाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर चेकिंग के दौरान रोका गया था। तलाशी लेने पर नकदी बरामद हुई। पुलिस इन सभी से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
झारखंड सरकार गिराने की कोशिश : कांग्रेस
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने घटनाक्रम के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा लंबे अरसे से हेमंत सोरेन सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है।
भाजपा ने घेरा, कहा-लूट में लगे हैं कांग्रेसी विधायक
झारखंड भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ही नहीं, कांग्रेसी विधायक भी लूट में लगे हैं। विधायकों को बताना चाहिए कि उन्हें इतनी रकम कहां से मिली। वे जनता की मेहनत की कमाई का गलत उपयोग कर रहे हैं।
मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी के राज्य महासचिव आदित्य साहू ने कहा कि जब से कांग्रेस सत्ता में आई है, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। इससे पहले भी झारखंड में अधिकारियों के घरों में बड़ी मात्रा में नकदी पकड़ी गई थी। वे जनता की गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल दूसरे कामों में करते हैं। पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और यह सामने आ गया है।
तीनों विधायकों के बयान विरोधाभासी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि तीनों विधायकों से पैसों को लेकर अलग-अलग पूछताछ की गई। शुरुआती पूछताछ में तीनों के बयान विरोधाभासी हैं। तीनों से पूछा गया कि ये पैसे किसके हैं, कहां से लेकर आ रहे थे और कहां जा रहे थे। इस बीच, बंगाल पुलिस ने झारखंड पुलिस को तीन विधायकों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जानकारी दे दी है।
इसलिए हुई नोट गिनती में देरी
अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि झारखंड के विधायकों के पास से बरामद पैसे कितने हैं। क्योंकि इसके लिए पहले बैंक अधिकारियों से संपर्क किया गया। पैसे गिनने की मशीन लाने और फिर अधिकारियों के आने में वक्त लगा। इसलिए अभी तक नोटों की गिनती जारी है।