देश लेखकों ओर बुद्धिजीवियों के लिए एक दुखदभरी खबर सामने आई है। प्रसिद्ध बंगाली लेखक बुद्धदेव गुहा का कोरोना संक्रमण के बाद से उत्पन्न हुई गंभीर समस्याओं के कारण निधन हो गया। गुहा ने 85 साल की उम्र में रविवार को एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने के बाद देर रात अंतिम सांस ली। गुहा के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई है।
प्रसिद्ध लेखक की बेटी मालिनी बी गुहा ने सोशल मीडिया पर इस खबर की जानकारी दी है। गुहा को सांस लेने में दिक्कत आने लगी थी और पेशाब में संक्रमण की शिकायत होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कोरोना से 33 दिन तक किया था मुकाबला
Buddhadeb Guha Death: गुहा के परिवारजनों के मुताबिक बुद्धदेव गुहा कोरोना से संक्रमित हो गए थे और करीब 33 दिन तक अस्पताल में भर्ती रह कर कोरोना से मुकाबला किया था। हालांकि उन्होंने कोरोना का मात दे दी थी, लेकिन उसके बाद से उन्हें अन्य समस्याओं ने घेर लिया था।
प्रसिद्ध रचनाकार, कई पुरस्कारों से सम्मानित
बुद्धदेव गुहा एक प्रसिद्ध रचनाकार थे। ‘मधुकरी’ के अलावा उनकी पुस्तक ‘कोलेर कच्छै’ और ‘’सविनय निबेदन’ भी काफी प्रसिद्ध हुई थी। यहीं नहीं गुहा एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक और एक चित्रकार भी थे। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 1976 में आनंद पुरस्कार, शिरोमन पुरस्कार और शरत पुरस्कार के अलावा उनके अद्भुत काम के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया।