कहते हैं अगर मन में हो कुछ कर दिखाने का जज्बा तो राह में आए हजारों कांटे भी एक वक्त पर आकर फूल बन जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे इंसान की सफलता की कहानी से रूबरू कराएंगे जिसने बचपन से माता-पिता को सिर्फ संघर्षों में देखा और उन्हीं कठिनाइयों को सीखकर उसने पहली ही कोशिश में महज 21 साल में यूपीएससी (UPSC) की कठिन परीक्षा को पास कर लिया. प्रदीप सिंह के पिता पेट्रोल पंप में काम करते हैं और उन्होंने सबसे कम उम में आईएएस (IAS) बनने का खिताब हासिल किया है.
बिहार के रहने वाले हैं प्रदीप
प्रदीप सिंह ने साल 2018 में 93 रैंक के साथ पहली ही बार में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. वह बिहार को गोपालगंज के रहने वाले हैं. लेकिन आर्थिक स्थितियों को सुधारने के लिए उनके पिता बिहार छोड़कर बेटे के साथ इंदौर आ गए.वैसे तो गांव में अपनी जमीन थी जिस पर खेती होती थी लेकिन कमाई कम होने की वजह से गुजारा करना मुश्किल हो रहा था. बचपन से प्रदीप भी परिवार की परिस्थितियों को देखते हुए बड़े हुए और मन में कुछ कर दिखाने का संकल्प लिया.
अफसर शब्द सुनते ही चमक जाती थीं आंखें
परीक्षा पास करने के बाद प्रदीप सिंह ने इंटरव्यू दिया था. जिसमें उन्होंने बताया कि, वह यूपीएससी के बारे में नहीं जानते थे. पर बचपन में अक्सर माता-पिता उस कैंडिडेट की बात करते थे जिसने ये परीक्षा पास की होती थी क्योंकि, उसके नाम के आगे अफसर शब्द लग जाता था.अफसर शब्द जब भी वह सुनते तो आंखों की चमक बढ़ जाती थी और तभी उन्होंने अफसर बनने का संकल्प ले लिया. इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रदीप के परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और जब-जब उनका हौंसला कम हुआ तो परिवार ने मोटिवेट भी किया. पिता के आगे पैसों की तंगी के बावजूद उन्होंने बेटे को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाई.
पिता को बेचना पड़ा था घर
प्रदीप सिंह ने बताया कि, जब वह अपना सपना पूरा करने के लिए यूपीएससी की कोचिंग के लिए दिल्ली आए तो खर्च उठाने के पैसे नहीं थे. ऐसे में पिता ने अपना घर बेचने का फैसला किया.पिता के संघर्षों को देखते हुए प्रदीप का मन अपने संकल्प के प्रति मजबूत होने लगा और उन्होंने इस परीक्षा को पहली ही बार में पास करने का भी संकल्प लिया. क्योंकि, न तो परिवार के पास इतना पैसा था और न ही कोई नौकरी.
पहले मौके को समझा आखिरी
आमतौर पर यूपीएससी की परीक्षा पहली बार में पास करना मुश्किल होता है. लेकिन प्रदीप ने पहले मौके को ही आखिरी समझा और डेढ़ साल तक बाहरी दुनिया को खुद से अलग कर दिया. इस दौरान सिर्फ उनके साथ किताबें थीं और वह पूरे दिन बस पढ़ना, खाना-पीना और सोना-उठना जानते थे. डेढ़ साल तक खूब मेहनत करने का फल भी प्रदीप को मिला और वह पहले मौके में ही पास हो गए.परीक्षा पास करने के बाद और अफसर बनने के बाद प्रदीप ने उन सभी विद्यार्थियों को सलाह दी है जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, अगर आप वाकई इस परीक्षा में सफल होना चाहते हैं तो तैयारी प्रेशन में न करें बल्कि मन से करें. कुछ कर दिखाने का जज्बा आपके अंदर से पैदा होता है. इसलिए मन को मजबूत बनाएं.