प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से देश भर के 773 जिलों के लाभार्थियों से संवाद करेंगे। इनमें देश के 773 जिलों के साथ-साथ प्रदेश के 12 जिलों के 40 लाभार्थी भी प्रधानमंत्री के साथ संवाद सत्र में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 11वीं किस्त भी जारी करेंगे। इस दौरान 11 योजनाओं के लाभार्थियों से पीएम बात करेंगे। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 31 मई को होने वाले दौरे की तैयारियों के संबंध में बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से ऐतिहासिक रिज मैदान पर जनसभा को संबोधित करना प्रस्तावित है। राम सुभग सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जरूरतमंदों की जरूरतों की पूर्ति के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की हैं। मुख्य सचिव ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित विभागों को समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए।
संयुक्त किसान मंच ने पीएम मोदी को याद दिलाया 2014 में किया वादा
प्रदेश में किसानों और बागवानों के हितों की लड़ाई लड़ रहे संयुक्त किसान मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिमला में कार्यक्रम से पहलेे आठ साल पुराना वादा याद दिलाया है। मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आठ साल पहले प्रदेश के बागवानों को सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री का वादा जुमला साबित हुआ है। केंद्र सरकार ने आयात शुल्क में तो बढ़ोतरी नहीं की बल्कि मुक्त व्यापार की नीति के कारण ईरान से हुए सेब के आयात से बीते सेब सीजन में प्रदेश के बागवानों को करोड़ों का नुकसान हो गया।
प्रधानमंत्री नेे सभी तरह के सॉफ्ट ड्रिंक्स में अनिवार्य तौर पर सेब का जूस मिलाने की व्यवस्था लागू करवाने का भी वादा किया था। यह भी पूरा नहीं हुआ। बीते साल ओलावृष्टि और असमय बर्फबारी से बागवानों को करोड़ों का नुकसान हुआ। सरकार ने नुकसान के आकलन के नाम पर कोरी औपचारिकता की लेकिन किसी एक भी बागवान को एक भी रुपये का मुआवजा नहीं मिला। इस साल सेब की फसल पर सूखे की मार के चलते बागवान परेशान हैं। ऐसे में जब शिमला में आठ साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है तो उम्मीद है कि प्रधानमंत्री सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने का एलान करेंगे और मुक्त व्यापार की नीति में संशोधन किया जाएगा।