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पाकिस्तान दौरे पर आए सऊदी विदेश मंत्री, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए साथ काम करने पर सहमति

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने दोनों क्षेत्रों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक समझौता किया है। दोनों देशों ने आर्थिक संबंधों और नए क्षेत्रों में सहयोग में विस्तार के लिए समझौता किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी और पाक दौरे पर आए सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन बरहान अल सौद ने मंगलवार को एक बैठक के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रिंस फैजल ने कहा कि एक दिन के दौरे पर परंपरागत क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा। सऊदी-पाकिस्तान सुप्रीम कोआर्डिनेशन काउंसिल (एपी-एससीसी) दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय संबंधों के लिए अहम जरिया है। खाड़ी देश में मई में हुए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के दौरे के समय काउंसिल में क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान भी मौजूद थे। दोनों देशों ने व्यापारिक समुदायों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत करने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा और स्थिरता आर्थिक समृद्धि की कुंजी है और दोनों देश एक-दूसरे के क्षेत्रों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम क्षेत्रीय मुद्दों पर काम करने के लिए सहमत हुए हैं, चाहे वह कश्मीर, फिलिस्तीन या यमन हो। हम अपने दोनों क्षेत्रों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।’ उन्होंने प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के क्षेत्रों में द्विपक्षीय समन्वय का विस्तार करने पर भी जोर दिया। सऊदी मंत्री ने कहा कि उनका देश सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में पाकिस्तानी समुदाय द्वारा किए गए योगदान को महत्व देता है और अपने समकक्ष के साथ बातचीत में उन्होंने सऊदी अरब में पाकिस्तानियों के लिए अधिक अवसरों पर चर्चा की।

कुरैशी ने कहा कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत एसईजेड में निवेश के लिए सऊदी अरब के लिए अपार अवसर हैं, जबकि हमारे कुशल, अर्ध-कुशल कार्यबल और पेशेवर भी सऊदी विजन 2030 में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संस्कृति, सूचना, मीडिया, मनोरंजन और खेल के क्षेत्रों में सऊदी अरब के साथ संबंधों का विस्तार करना चाहता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की। कुरैशी ने पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान का समर्थन करने और जम्मू-कश्मीर पर इस्लामिक सहयोग संपर्क समूह के संगठन में अपनी भूमिका निभाने के लिए सऊदी अरब को भी धन्यवाद दिया।