पाकिस्तान के कराची विश्वविद्यालय में मंगलवार को हुए आत्मघाती हमले को पहली बार किसी बलूच महिला फिदायीन ने अंजाम दिया। बताया गया है कि यह हमला शारी बलोच (30) ने किया था। उसके पति ने कथित तौर पर ट्वीट कर दावा किया है कि शारी के फिदायीन बनने से वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने भी बयान जारी कर कहा कि शारी ने बलूच आजादी के आंदोलन में नया अध्याय जोड़ा है। वह बलूच राष्ट्र के लिए पहली महिला फिदायीन बनीं। मंगलवार को हुए इस धमाके में तीन चीनी महिलाओं समेत चार लोग मारे गए।
शारी के पति हैबिटान बशीर बलचू ने ट्वीट कर लिखा, ‘शारी जान, आपके इस निस्वार्थ कृत्य ने मुझे अवाक कर दिया है, लेकिन मैं भी आज गर्व से झूम रहा हूं। महरोच और मीर हसन यह सोचकर बहुत गर्वित इंसान बनेंगे कि उनकी मां कितनी महान थी। तुम हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने रहोगी।’ अफगानिस्तान के पत्रकार बशीर अहमद गवाख के हवाले से आई मीडिया रिपोर्ट में पहली महिला बलूच आत्मघाती हमलावर व उनके पति को लेकर तमाम बातें कही गई हैं।
पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी में कराची विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार शाम एक वैन में हुए धमाके में तीन चीनी महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई। इस विस्फोट में कई अन्य घायल भी हुए हैं। आशंका है कि हमला चीनी भाषा पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं को निशाना बनाकर किया गया। हमले की जिम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने हमले की जिम्मेदारी लेने के साथ ही दावा किया है कि इसे पहली महिला फिदायीन ने अंजाम दिया। बीएलए के अनुसार 30 वर्षीय शारी बलोच उर्फ ब्रम्श नजरआबाद तुरबत की रहने वाली थी। वह उच्च शिक्षित होने के साथ ही प्राणी शास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद एमफिल कर रही थी। वह एक हायर सेकंडरी स्कूल में विज्ञान पढ़ाती थी। बीएलए के कथित बयान में कहा गया है कि वह विद्यार्थी काल में बचोच विद्यार्थी संघ में रही थी और उसे बलूचों के नरसंहार व बलूचिस्तान पर कब्जे का इतिहास पता था।