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पश्चिम बंगाल में राजनीतिक घमासान: भाजपा को लग सकता है तगड़ा झटका, मुकुल रॉय के संपर्क में 25 विधायक और 2 सांसद

कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) में बीजेपी का प्रदर्शन भले ही पहले से काफी बेहतर रहा हो लेकिन अब उसकी मुश्किल बढ़ती दिख रही है. बंगाल बीजेपी (BJP) के दिग्‍गज नेता मुकुल रॉय (Mukul Roy) के तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) में वापस जाने के बाद अब इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा के कई और विधायक और नेता बहुत जल्‍द तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं. खबर है कि मुकुल रॉय लगातार बंगाल बीजेपी के विधायकों और सांसदों के संपर्क में हैं और उनकी जल्‍द ही घर वापसी हो सकती है. इनमें से ज्‍यादातर नेता वो हैं जिन्‍हें मुकुल रॉय ही बीजेपी में रहते हुए तृणमूल कांग्रेस से लेकर आए थे.

सूत्रों की मानें तो मुकुल रॉय ने खुद इस बात का जिक्र किया है कि वह अभी भी भाजपा नेताओं से फोन पर बात कर रहे हैं और बहुत जल्‍द तृणमूल में कई बीजेपी नेता शामिल हो सकते हैं. बता दें कि साल 2017 में तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांग्‍शु के साथ वापस टीएमसी ज्‍वाइन कर चुके हैं. मुकुल रॉय के वापस तृणमूल कांग्रेस में आने पर राज्‍य की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्‍हें पार्टी में जल्‍द ही कोई बड़ा रोल दिया जाएगा.

इस पूरे घटनाक्रम पर मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्‍शु ने बताया कि भाजपा के कम से कम 25 विधायक और 2 सांसद तृणमूल कांग्रेस में जल्‍द ही शामिल हो सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने जो किया उसका जवाब देने का वक्‍त अब आ गया है. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी में जाने के बाद से ही उनके पिता मुकुल रॉय पर काफी दबाव था. इस दबाव के चलते ही उनके पिता की सेहत कमजोर हो गई. उन्होंने अपनी बिगड़ी सेहत के चलते ही विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया, जबकि वे पहले ऐसा करते रहे थे.

भाजपा रख रही अपने नेताओं पर नजर

बीजेपी के 25 विधायक और 2 सांसदों के तृणमूल कांग्रेस में जाने की खबर के बाद से ही बीजेपी लगातार अपने नेताओं के संपर्क में है. भाजपा की कोशिश है कि उसके नेता पार्टी छोड़कर किसी भी दूसरे दल में शामिल न हों. यही कारण है कि सभी विधायकों और नेताओं पर लगातार नजर रखी जा रही है. उन विधायकों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है जो पिछले कुछ समय से पार्टी से कटते दिख रहे हैं. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी में राजभवन में 25 विधायकों की गैरमौजूदगी को भी भाजपा ने गंभीरता से लिया है.