देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1718 नए मामले सामने आए हैं और 67 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 33,050 हो गई है, जिसमें 23,651 सक्रिय हैं और 1074 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात यह है कि देश में अब तक 8325 लोग अस्पतालों में इलाज से ठीक होने के बाद घर भेजे जा चुके हैं। यानी देश में इस वक्त 25 फीसदी मरीज बीमारी से ठीक भी हो चुके हैं।
इन स्थितियों के बीच सरकार ने पिछले करीब एक महीने के लॉकडाउन के दौरान घर से दूर अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को राहत देने का फैसला किया है। सरकार ने ऐलान किया है कि अंतर्राज्यीय बसों के जरिए लोगों को अपने घर पहुंचाया जाएगा। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। किसी भी तरह के मूवमेंट से पहले आवाजाही करने वाले व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की जांच होगी। गृहनगर पहुंचने के बाद लोगों को 14 दिन के लिए घर पर ही अनिवार्य रूप से क्वारैंटाइन रहना होगा। इसके अलावा परिवहन सेवाओं में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा।
इससे पहले पंजाब ने संक्रमण के मामलों की स्थिर गति के बावजूद लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य सरकार यहां 2 हफ्ते तक लॉकडाउन बढ़ाएगी। हालांकि, रेड जोन के अलावा सभी क्षेत्रों को कुछ न कुछ छूट दी जाएगी। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि एक्सपर्ट्स और डॉक्टर मई के अंत तक प्रतिबंध चाहते हैं। लेकिन उन्होंने ग्रीन जोन इलाकों में दुकानों को खोलने की छूट का ऐलान किया है। इसके अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में 7 मई तक बिना किसी छूट के लॉकडाउन जारी रखने की बात कही। दुनियाभर में कोरोना वायरस संकट शुरू होने के बाद से ही लाखों की संख्या में भारतवासी विदेशी जमीनों पर फंसे हैं। इनमें बड़ी संख्या खाड़ी देशों में रहने और काम करने वाले भारतीयों की हैं। सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह इन नागरिकों को निकालने पर योजना बना रही है।