राजधानी दिल्ली के पश्चिम दिल्ली स्थित मोती नगर (Moti Nagar) के डीडीए पार्क (DDA Park) में तीन साल की बच्ची को आवारा कुत्तों ने नोंच-नोंचकर मार डाला (Street Dog Attack in Delhi). ये बच्ची पार्क में खेल रही थी, तभी आवारा कुत्तों का झुंड पहुंचा और बच्ची पर हमला कर दिया. मामले का संज्ञान में लेते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने बताया कि दिल्ली में रोजाना करीब 5 हजार लोगों को कुत्ते काटते हैं. उन्होंने इसके लिए निगम (MCD) को जिम्मेदार ठहराया.
दरअसल हाल ही में 17 दिसंबर को मोती नगर स्थित डीडीए पार्क में तीन साल की बच्ची को आवारा कुत्तों ने मार डाला था. बच्ची पार्क में खेल रही थी तभी आवारा कुत्तों का झुंड पहुंचा और बच्ची पर हमला कर दिया। आनन-फानन में परिजन बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया. मामले में संज्ञान लेते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने इसके लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है.
डॉग स्टेरलाइजेशन के लिए किया करोड़ों का आवंटन
भारद्वाज ने कहा है कि एमसीडी कागजों में कुत्तों का बंध्याकरण कर बड़ा भ्रष्टाचार कर रही है. उत्तरी नगर निगम ने 2020-21 में डॉग स्टेरलाइजेशन के लिए 15 करोड़ का आवंटन किया और इसके लिए केंद्र बनाने के नाम पर 5 करोड़ का आवंटित किए, जबकि दिल्ली में आवारा कुत्तों की आबादी लगातार बढ़ रही है. बंध्याकरण में भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए एमसीडी ने 2009 से इनका सर्वे करना बंद कर दिया.
आवारा पशुओं का मामला पूरी तरह MCD का
भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में कई एजेंसी हैं जिसकी वजह से लोग कंफ्यूज रहते हैं कि पार्षद, एमएलए और सांसद की क्या-क्या जिम्मेदारी हैं. आवारा पशुओं, गलियों के अंदर घूमती हुई गायों का मामला पूरी तरीके से एमसीडी का है. एमसीडी का काम है कि इन पशुओं को पकड़ कर निर्धारित गौशालाओं में भेजे. जहां पर इन गायों के लिए दिल्ली सरकार बाकायदा पैसा देती है.