अफगानिस्तान (Afghanistan) पर शासन कर रहे तालिबान (Taliban) ने पाकिस्तान (Pakistan) को खुली चेतावनी (open warning) दी है। तालिबान शासन में कार्यवाहक रक्षा मंत्री ( Defense Minister ) मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद (Maulvi Mohammad Yakub Mujahid) ने पड़ोसी देशों से अफगानिस्तान की सीमाओं या डूरंड रेखा पर उसे चुनौती न देने का आग्रह किया है। हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन माना जाता है कि उनका इशारा पाकिस्तान की तरफ था। तालिबानी रक्षा मंत्री अफगानिस्तान के 105वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। 18 अगस्त 1919 को राजा अमानुल्लाह खान के रावलपिंडी शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ तीसरा आंग्ल-अफगान युद्ध समाप्त हुआ था और अफगानिस्तान को एक स्वतंत्र देश घोषित किया गया।
बॉर्डर पर निर्माण का किया समर्थन
इस मौके पर आयोजित एक समारोह में सैनिकों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए पड़ोसी देशों से अफगानिस्तान की सीमा पर चुनौती न देने को कहा। उन्होंने कहा कि सीमा पर चेकपॉइंट बनाना, बॉर्डर पुलिस की स्थापना, सड़क निर्माण पड़ोसी देशों के लिए चुनौती खड़ी करने को नहीं, बल्कि अफगानिस्तान की रक्षा के लिए है। यहां ये जानना जरूरी है कि अफगानिस्तान की तरफ से बॉर्डर पर किए जा रहे निर्माण का पाकिस्तान विरोध करता है और इसे लेकर हाल ही में दोनों पक्षों में कई झड़पें हुई हैं, जिससे तनाव बढ़ा है।
अफगानिस्तान की रक्षा का किया वादा
मौलवी याकूब ने कहा कि तालिबान कभी अफगानिस्तान की सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे और किसी भी कीमत पर इसकी रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘किसी भी कीमत पर अफगानिस्तान की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।’ कार्यवाहक रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान छोड़कर गए लोगों से देश लौटने की अपील करते हुए कहा कि अलग विचारधारा वाले जिन लोगों ने विदेशी संस्थाओं की ओर अपनी नजरें कर रखी हैं, वे हमेशा निराश रहेंगे। उनसे सेवा की उम्मीद करते रहेंगे। मैं उनके कहता हूं कि अफगानिस्तान वापस आएं। बिना किसी का नाम लिए याकूब ने कहा, ‘उन्होंने अमेरिका की खातिर हमारे खिलाफ अपनी सारी ताकत लगा दी, लेकिन अमीरात ने किसी भी देश में अमेरिकी हितों पर हमला नहीं किया है।’
हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख भी मौजूद
समारोह में अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री और खूंखार हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी भी मौजूद रहा। सिराजुद्दीन ने कहा, दुश्मन अभी भी अफगानिस्तान को वैचारिक और सांस्कृतिक रूप से नष्ट करने में लगा हुआ है। हक्कानी ने कहा कि दुश्मन ने अपनी संस्कृति से दूर हो चुके अफगान युवाओं को इस तरह से प्रशिक्षित किया है कि वे अपने ही समाज को नष्ट करने का काम कर रहे हैं।