ज्ञानवापी के वुजूखाने में गंदगी और नेताओं की बयानबाजी पर दाखिल अर्जी पर मंगलवार को एसीजेएम-पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सुनवाई होगी। प्रभारी अदालत ने पिछली तिथि पर सम्बंधित पीठासीन अधिकारी के समक्ष पेश करने का आदेश देते हुए सुनवाई के लिए 14 जून की तिथि नियत की थी। वादी हरिशंकर पांडेय ने विस्तृत हलफनामा भी दाखिल किया था। वादी ने अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह को भी अपने ओर से पैरवी करने के लिए उक्त प्रार्थना पत्र में वकालतनामा लगाया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर बताया है कि छह मई को सर्वे टीम ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन की कार्यवाही करने गई थी। उस दिन जुमे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में नमाजी मौजूद थे। नमाजियों ने वजूखाने में हाथ-पैर धोए और गंदगी फैलाई जबकि वह भगवान शिव का स्थान है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है। अर्जी के अनुसार एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है। अधिवक्ता ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन को भी प्रार्थना पत्र में शामिल किया है। उन्होंने कमीशन कार्यवाही के दौरान विरोध, बाधा पहुंचाने और वुजूखाने में गंदगी फैलाने के आरोप में सभी आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।