राजकीय इंटर कालेज के मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में किसानों को सैलाब उमड़ पड़ा है। हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड समेत देश के कोने-कोने से किसान महापंचायत में पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि पंचायत स्थल राजकीय इंटर कालेज का मैदान पूरी तरह भर चुका है। हजारों किसान सड़कों पर घूम रहे हैं। इतना ही नहीं पंचायत में आने वाले वाहनों के कारण पूरा शहर जाम हो गया है। जिस वाहन को जहां जगह मिल रही है वह वहीं खड़ा हो रहा है। उधर, मंच से केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा जा रहा है। मंच पर भाकियू के नरेश टिकैत, युद्धवीर सिंह समेत किसान संगठनों के पदाधिकारी मौजूद है। मंच से वक्ता किसानों के हितों की लड़ाई लड़ने का आह़वान किया जा रहा है। उधर, शामली रोड, भोपा रोड, रूडकी रोड, जानसठ रोड समेत अन्य स्थानों पर वाहनों की लाइन लगी हुई है। सुरक्षा की दृष्टि से फोर्स अलर्ट पर है।
मोदी योगी मुर्दाबाद के लगे नारे
महापंचायत के दौरान मंच से मोदी योगी मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। वहीं एक न्यूज चैनल के महिला रिपोर्टर से भी बदसलूकी की गई। जिसके बाद मंच से संचालकों ने ऐसा न करने की अपील की। साथ ही पुलिसकर्मियों को अंदर बुलाकर व्यवस्था बनाने की मांग की। मंच से ‘फसल हमारी दाम तुम्हारा नहीं चलेगा..मंच से लगातार किया जाता रहा। तीनों कृषि कानून वापस लेने और योगी मोदी मुर्दाबाद का नारा लगता रहा।
महिला किसान बोलीं-हमारी मांग, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीनों कृषि कानून वापस लें
नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में रविवार को किसानों के मसीहा माने जाने वाले चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की कर्मभूमि मुजफ्फरनगर में आज होने वाली किसान महापंचायत में महिला किसान भी एकत्र हैं। महिला किसानों का कहना है कि हम तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर यहां एकत्रित हुए हैं। हम यहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तीन कानूनों को वापस लेने का अनुरोध करते हैं। अगर वह कृषि कानून वापस ले लेते हैं तो हमारा यहां पर एकत्र होना सफल हो जाएगा।
मुजफ्फरनगर में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान रविवार (आज) राजकीय इंटर कालेज के मैदान में भाजपा की सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे। केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर पर किसान लगभग आठ माह से आंदोलनरत हैं। इसी क्रम में मुजफ्फरनगर में आज होने जा रही किसान महापंचायत की कई दिन से युद्धस्तर पर तैयारियां चल रही थीं। यहां होने वाली महापंचायत के लिए आयोजकों और पुलिस-प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। आयोजको ने किसानों के लिये 500 लंगर और 1000 चिकित्सा यूनिट की व्यवस्था की है। प्रशासन भी महापंचायत को लेकर चौकन्ना है। कई जिलों से पुलिस बुलाई गई है। किसान संगठनों ने भी व्यवस्था और सुरक्षा के लिये 5000 वालंटियर तैयार किये है। करीब दो लाख वर्ग फुट के पंडाल के साथ वाटर प्रूफ मंच भी बनाया गया है। महापंचायत में शामिल होने उत्तर प्रदेश समेत, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान आदि राज्यों से किसान पहुंचे हैं। इनके ठहरने और भोजन की विभिन्न स्थानों पर व्यवस्था की गई है।
किसान महापंचायत को लेकर अतिरिक्त सुरक्षा
मुजफ्फरनगर में रविवार को किसान पंचायत को लेकर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। डीजीपी मुख्यालय स्तर से भी जिलों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, शामली, बिजनौर व गाजियाबाद में अतिरिक्त आइपीएस अधिकारियों को भी भेजा गया है। करीब 20 कंपनी पीएसी को भी तैनात किया गया है। इन सभी जिलों में पूरी सतर्कता बरतने के साथ सभी प्रमुख स्थलों में अतिरिक्त ड्यूटी लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
नेताओं के आने पर संशय
महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत के अलावा हरियाणा, पंजाब समेत विभिन्न प्रांतों के किसान नेता भी शामिल होंगे। महापंचायत को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी कासमर्थन है, लेकिन राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की तस्वीर अभी साफ नहीं है। इस पर संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी मौन हैं।
बाजार बंदी के आदेश नहीं
महापंचायत के चलते प्रशासन ने शनिवार रात के साथ ही रविवार को शराब की दुकानों को बंद कराया है, लेकिन बाजार बंद करने के कोई आदेश नहीं है। अधिकांश दुकानदारों ने स्वयं ही प्रतिष्ठान बंद रखने की बात कही है। रविवार को वैसे भी नईमंडी क्षेत्र का बाजार साप्ताहिक बंदी में बंद रहता है।