मंगला गौरी व्रत में विधिवत मां गौरी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही दांपत्य जीवन में अपार प्रेम बढ़ता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। जानिए मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि और मंत्र
: सावन माह में पड़ने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन मां गौरी की विधि विधान से पूजा करने से अंखड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सुहागिन महिलाएं इस दिन विधिवत पूजा करके व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन में अथाह प्रेम बना रहता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस बार सावन मास में तीन मंगला गौरी व्रत पड़ चुके है और चौथा यानी आखिरी मंगला गौरी व्रत आज पड़ रहा है। आइए जानते है मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि और मंत्र।
सावन के आखिरी मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
- मंगला गौरी व्रत व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद साफ सुथरे और सूखे कपड़े पहन लें।
- मां पार्वती का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके साथ इस मंत्र को बोले-मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये।
- मां मंगला गौरी (मां पार्वती) की तस्वीर लेकर चौकी में लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर रख दें।
- आटे से दीपक बनाकर घी भरकर मां पार्वती के सामने जला दें।
- मां मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।
- मां मंगला गौरी 16 मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां तथा मिठाई अर्पण करें।
- 5 प्रकार के सूखे मेवे, 7 प्रकार के अनाज आदि चढ़ा दें।
- घी-दीपक जला दें।
- अब मंगला गौरी व्रत की कथा पढ़ लें।
- अंत में विधिवत आरती कर लें
- दिनभर व्रत रखकर एक बार अन्न ग्रहण करें।
पढ़ें ये मंगला गौरी व्रत का मंत्र
मां मंगला गौरी की पूजा के साथ इन मंत्र का जाप करें- ॐ गौरी शंकराय नमः