वाराणसी के गंगा घाटों और धार्मिक स्थलों पर गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित वाले पोस्टर लगाए गए हैं जिससे काशी का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। घाटों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर यह पोस्टर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से लगाए गए हैं। पोस्टर पर लिखा है जिन लोगों की आस्था सनातन धर्म में है, उनका स्वागत है, नहीं तो यह पिकनिक स्पॉट नहीं है। इससे पहले भी वाराणसी में ऐसे पोस्टर लगते रहे हैं। काशी में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर ऐसे पोस्टर लगते रहे हैं। इससे पहले 25 दिसंबर को चर्च के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। 1 जनवरी को वाराणसी के मॉल और रेस्टोरेंट के बाहर पश्चिमी संस्कृति से जुड़ी पार्टी को सेलिब्रेट न करने की चेतावनी वाले पोस्टर भी लगाए जा चुके हैं।
हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इस बार गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध वाला चेतावनी पोस्टर गंगा घाट किनारे पक्के घाटों और धार्मिक स्थलों की दीवारों पर चस्पा किया है। इन पोस्टरों की भाषा काफी उत्तेजक है। पोस्टर में लिखा है कि जिन लोगों की आस्था सनातन धर्म में है उनका तो स्वागत है नहीं तो अन्य का प्रवेश प्रतिबंधित है। पोस्टर चस्पा करने और जारी करने वाले विश्व हिंदू परिषद के काशी महानगर के मंत्री राजन गुप्ता ने बताया कि गैर सनातन धर्म के लिए चस्पा किया जा रहा पोस्टर केवल पोस्टर नहीं, बल्कि एक चेतावनी वाला संदेश है। उनका मानना है कि जो उल्लंघन करेगा उसे मानने के लिए बाध्य किया जाएगा।
राजन गुप्ता ने कहा कि गंगा घाट मंदिर और धार्मिक स्थल सनातन धर्म की आस्था का प्रतीक है। हम यह चेतावनी देना चाहते हैं कि गैर सनातनी हमारे सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों से दूर रहें। गंगा घाट और धार्मिक स्थल कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है। जिन लोगों की आस्था सनातन धर्म में उनका तो हम स्वागत करेंगे नहीं तो हम उनको खदेड़ने रहने का भी काम करेंगे। बजरंग दल के काशी महानगर के संयोजक निखिल त्रिपाठी ने बताया कि यह पोस्टर नहीं बल्कि उन लोगों के लिए चेतावनी है जो हमारी अविरल मां गंगा को एक पिकनिक स्पॉट की तरह मानते हैं। पोस्टर के माध्यम से या चेतावनी दी गई है कि ऐसे लोग हमारे धार्मिक स्थलों से दूर रहें नहीं तो बजरंग दल उन्हें दूर कर देगा। ज्ञात हो कि इस पोस्टर के जरिये ये संगठन एक बार फिर धमक दिखा रहे हैं।