जब आईपीएल के सबसे कंजूस गेंदबाजों की बात होती है, तो आप अनुमान लगाते होंगे कि इस सूची में सुनील नारायण का नाम सबसे ऊपर होगा। इस सीजन में भी सुनील नारायण का नाम सबसे ऊपर है। लेकिन नारायण के नीचे जो दूसरा नाम है, वह किसी के लिए भी चौकाने वाला हो सकता है। दरअसल इस साल कम से कम 10 ओवर फेंकने वाले सबसे कंजूस गेंदबाजों की सूची में नारायण के बाद दूसरा नाम क्रुणाल पंड्या का है, जिन्होंने 6.18 की इकॉनोमी से गेंदबाजी की है। 2019 और 2020 के सीज़न में मुंबई इंडियंस की टीम क्रुणाल को कीरोन पोलार्ड के साथ पांचवें गेंदबाज के रूप में उपयोग करती थी। पिछले साल उनकी गेंदबाजी में कुछ गिरावट आई।
इसके बाद उन्होंने अपनी गेंदबाजी पर छह से आठ महीने तक कड़ी मेहनत की। इसका उन्हें परिणाम भी मिला, जब 2017 के बाद उन्हें पहली बार प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड मिला। बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ पंजाब किंग्स के बल्लेबाज इस सीजन में संघर्ष करते नजर आए हैं। इस तरह से क्रुणाल उनके विरुद्ध एक मैच अप की तरह थे। गेंद के साथ क्रुणाल का यह सीज़न काफी अच्छा भी गया है।
मैच के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए क्रुणाल ने कहा, “मैं पिछले कुछ महीनों से अपनी गेंदबाजी पर जी-तोड़ मेहनत कर रहा हूं। राहुल सांघवी इसमें मेरे लिए सबसे मददगार रहे हैं। सात-आठ महीने पहले मेरी उनसे बात हुई थी और मैंने उनसे कहा था कि मैं अपना स्किल बढ़ाना चाहता हूं। मेरा माइंडसेट तो स्पष्ट था लेकिन स्किल को और बेहतर करना था ताकि मैं और प्रभावी गेंदबाज़ बन सकूं।” इसके अलावा क्रुणाल इस बात से भी चिंतित थे कि उनकी गेंदें अधिक टर्न नहीं होती हैं।
उन्होंने कहा, “मैं अधिकतर छोटे फ़ॉर्मेट का मैच खेलता हूं तो कुछ पता ही नहीं चलता। मैं गेंदबाज़ी के दौरान काफ़ी झुक रहा था और पैर भी काफ़ी लंबा बाहर निकल रहा था। मुझे लगा कि अगर मैं कम झुकूंगा तो मुझे अधिक टर्न मिलेगा। मैं अपनी गति में बहुत परिवर्तन करता था, लेकिन अगर मुझे स्पिन भी मिलता हैं तो मैं बल्लेबाज़ के दिमाग़ से खेल सकता हूं। मैंने फिर से सांघवी से बात की। वह बहुत अच्छे इंसान हैं और मेरी हमेशा से मदद करते हैं।”
क्रिकइंफ़ो के कार्यक्रम टी20 टाइमआउट में न्यूज़ीलैंड के पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर डेनियल विटोरी ने क्रुणाल की तारीफ़ करते हुए कहा, “वह ऐसे कुछ स्पिनर्स में हैं जो गति के साथ-साथ स्पिन प्राप्त कर सकते हैं। वह ऐसा कर बल्लेबाज़ों को चुनौती देते हैं। उनके लेंथ को पढ़ना बहुत कठिन है। इसलिए वह दाएं और बाएं दोनों हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ सफल हैं। वह गेंद के साथ हमेशा कुछ न कुछ करते रहते हैं और ऐसी स्किल को देखना हमेशा सुखद होता है।”