कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में वाले लोगों के शरीर में इस खतरनाक वायरस के प्रसार को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। ब्राजील के शोधकर्ताओं की ओर से किए गए इस अध्ययन से पता चला है कि कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की आंखों में रेटिना तक यह वायरस पहुंच सकता है। रेटिना के विभिन्न स्तरों में वायरल पार्टिकल दाखिल हो सकते हैं।
जेएएमए नेटवर्क पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह निष्कर्ष कोरोना से जान गंवाने वाले तीन मरीजों पर शोध के आधार पर निकाला गया है। ये सभी मरीज आइसीयू में भर्ती थे और वेंटीलेटर पर रखे गए थे। इनकी उम्र 69 से 78 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने रेटिना में कोरोना की मौजूदगी का पता लगाने के लिए पीसीआर टेस्ट और इम्यूनोलाजिकल विधियों को आजमाया। इम्यूनोफ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोपी के माध्यम से मरीजों में रेटिना की बाहरी और आतंरिक परतों में कोरोना प्रोटीन की मौजूदगी देखने को मिली।
ब्राजील के शोध संस्थान आइएनबीईबी की शोधकर्ता कार्ला ए अरुजो-सिल्वा ने बताया, ‘आंखों में कोरोना संक्रमण संबंधी असामान्यताएं देखने को मिलीं। अध्ययन से यह स्पष्ट तौर पर जाहिर होता है कि श्वसन तंत्र से संक्रमण की शुरुआत होने के बाद कोरोना वायरस पूरे शरीर फैल सकता है। यह शरीर के विभिन्न अंगों और टिश्यू में दाखिल हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘अध्ययन से यह भी पता चलता है कि कोरोना संक्रमण में आंखें भी शामिल हो सकती हैं। रेटिना में कई तरह के बदलाव पाए गए हैं।’