लंदन: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान विशेषज्ञों ने ‘ट्विंडेमिक’ (Twindemic) को लेकर आगाह किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के चलते लोगों की नेचुरल इम्युनिटी में कमी आई है, ऐसे में फैल रहे फ्लू (Flu) ने और खतरा बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों ने फ्लू और कोरोना दोनों के एक साथ होने को ‘ट्विंडेमिक’ का नाम दिया है.
दोगुना बढ़ गया है मौत का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संभावित ‘ट्विंडेमिक’ की चेतावनी देते हुए कहा है, फ्लू और कोविड -19 दोनों की चपेट में एक साथ आने से मौत का खतरा दोगुना तक बढ़ रहा है. The Sun की रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड में हर बार फ्लू से औसतन लगभग 11,000 लोगों की मौत होती है. 2017-18 में फ्लू के दौरान यह आंकड़ा दोगुना हो गया था, उस दौरान हर रोज लगभग 300 लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आया था. इस बार खतरा और बढ़ गया है.
50 सालों का सबसे खराब दौर
ब्रिटेन में इस बार फ्लू से मरने वालों की संख्या 60,000 तक पहुंच सकती है. माना जा रहा है कि ब्रिटेन 50 वर्षों में सबसे खराब मृत्यु दर जूझ सकता है. ब्रिटेन में इस समय एक दिन में 1,000 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, ये सभी फ्लू या अन्य वायरस से संक्रमित हैं. मौजूदा समय में ब्रिटेन में एक दिन में 600 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराए जा रहे हैं हर रोज औसतन 122 लोगों की मौत के आंकड़े सामने आए हैं.
क्या है इससे बचाव का उपाय?
ब्रिटेन की सरकार ने कोरोना के बीच फ्लू के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोविड और फ्लू दोनों का एक साथ हमला होने से लोगों में मृत्यु का जोखिम दोगुना है. वैज्ञानिकों ने शंका जाहिर कि है कि कोरोना के चलते फ्लू के टीके भी शायद पहल के मुकाबले कम असरदार हो रहे हैं. एज यूके के निदेशक कैरोलिन अब्राहम ने कहा, ‘इस साल फ्लू के टीके और कोविड-19 की बूस्टर डोज लेना ज्यादा जरूरी हो गई है.’ विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों बीमारियों का एक साथ हमला एक भयानक स्थिति पैदा कर सकता है.